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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

Greater Noida News: हनीट्रैप में फंसाकर किया गया था पत्थर व्यापारी के बेटे का अपहरण, 4 करोड़ से शुरू होकर 50 लाख तय हुई थी फिरौती

Greater Noida News: गाजियाबाद के पत्थर व्यापारी के बेटे का अपहरण हनीट्रैप में फंसाकर किया गया था। आरोपियों ने अपनी दोस्त निशा उर्फ प्रीति का इस्तेमाल व्यापारी के बेटे को जाल में फंसाया था। उसके बाद उसका अपहरण कर कन्नौज लेकर चले गए थे। 6 दिन तक उसको कन्नौज में ही रखा गया था।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : praveen vikram Updated: Sep 15, 2025 20:08

Greater Noida News: गाजियाबाद के पत्थर व्यापारी के बेटे का अपहरण हनीट्रैप में फंसाकर किया गया था। आरोपियों ने अपनी दोस्त निशा उर्फ प्रीति का इस्तेमाल व्यापारी के बेटे को जाल में फंसाया था। उसके बाद उसका अपहरण कर कन्नौज लेकर चले गए थे। 6 दिन तक उसको कन्नौज में ही रखा गया था। इस मामले में ग्रेटर नोएडा पुलिस ने खुलासा करते हुए 5 आरोपियों को धर दबोचा और व्यापारी के बेटे को सकुशल बरामद कर लिया था।

कर्ज में डूबे थे मुख्य आरोपी

पूछताछ में मुख्य आरोपी निमय शर्मा ने बताया कि वह टूर एंड ट्रैवल्स का काम करता है। उसका साथी आलोक यादव उसका दोस्त है। दोनों पर भारी कर्ज था। इसी कर्ज से उबरने के लिए उन्होंने व्यापारी मनीष गुप्ता के बेटे शशांक गुप्ता का अपहरण करने की योजना बनाई। मनीष गुप्ता गाजियाबाद नेहरू मार्केट में टाइल्स का व्यवसाय करते है जिनसे निमय पहले टाइल्स खरीद चुका था। उनका बेटा शशांक उसे सीधे-साधे स्वभाव का लगा।

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निशा उर्फ प्रीति को बनाया हनी ट्रैपश् का जरिया

अपहरण की योजना में दोनों ने अपनी मित्र निशा उर्फ प्रीति को शामिल किया जिसे शशांक से कॉल कर दोस्ती करने की जिम्मेदारी दी गई। योजना के मुताबिक 9 सितंबर को प्रीति ने शशांक को मिलने के लिए बुलाया। शशांक अपनी बलेनो कार से मिलने आया जिसमें प्रीति बैठ गई। थोड़ी दूर चलने के बाद प्रीति ने गाड़ी रुकवाई और तभी एक गाड़ी से पीछा कर रहे मोहित गुप्ता, अंकित और सुमित गाड़ी में सवार हो गए। प्रीति मौके से उतर गई। बाकी तीनों शशांक को यमुना एक्सप्रेसवे होते हुए आलोक यादव से मिलने ले गए जो पहले से वहां मौजूद था। वहां से शशांक को आलोक की गाड़ी में बैठाकर कन्नौज जिले के छिबरामऊ कस्बे में ले जाया गया।

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फिरौती के लिए रखा गया खाली मकान में

शशांक को छिबरामऊ के शास्त्री नगर स्थित मोहित गुप्ता के मामा श्याम सुंदर के खाली मकान में रखा गया। उसकी निगरानी मोहित, अंकित और श्याम सुंदर करते रहे जबकि आलोक यादव और निमय शर्मा बार-बार आते-जाते रहे। इस दौरान चोरी किए गए मोबाइल नंबरों से व्यापारी मनीष गुप्ता से संपर्क किया गया और 4 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई।

50 लाख में हुई डील

डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मियां खां ने बताया कि 14 सितंबर को फिरौती की रकम घटाकर 50 लाख रुपये तय की गई और शशांक को छोड़ने के बदले जेवर क्षेत्र में पैसे लेकर आने को कहा गया। पुलिस पहले से अलर्ट थी। सर्विलांस और तकनीकी संसाधनों की मदद से फिरौती मांगने वाले मोबाइल की लोकेशन रामनेर रजवाहा के पास पाई गई। पुलिस ने मौके पर घेराबंदी कर 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और शशांक को सकुशल बरामद कर लिया गया।

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First published on: Sep 15, 2025 08:08 PM

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