Litter Picking Machine: ग्रेटर नोएडा के बाजारों से दिन भर कूड़ा उठाने के लिए प्राधिकरण का स्वास्थ्य विभाग लिटर पिकिंग मशीन खरीदने की योजना पर काम कर रहा है। प्राधिकरण इस मशीन का ट्रायल ले रहा है। शुक्रवार को इसका पहला ट्रायल हुआ। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक महीने तक ट्रायल चलेगा। अगर ट्रायल सफल रहा तो इस मशीन को खरीदने पर प्राधिकरण फैसला लेगा।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार की मंशा है कि ग्रेटर नोएडा के बाजारों में सफाई व्यवस्था हमेशा दुरुस्त रहे। इससे खरीदारी के लिए आने वाले ग्राहकों को अच्छा लगेगा। अभी मैनुअल सफाई होती है। सफाई कर्मी सुबह सफाई करके कूड़ा उठाकर चले जाते हैं। दुकानें उसके बाद खुलती हैं। दुकानदार अपनी दुकानों के आगे पॉलिथीन और अन्य वेस्ट मटेरियल का फिर से ढेर लगा देते हैं।
सफाई कर्मी अगले दिन फिर कूड़ा उठाकर ले जाते हैं। इस परेशानी को खत्म करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का स्वास्थ्य विभाग लिटर पिकिंग मशीन खरीदने की तैयारी कर रहा है। इस मशीन से दिन भर बाजार से कूड़ा उठाने में मदद मिलेगी। जब मशीन का टैंक भर जाएगा तो कूड़े को बड़े डस्टबिन या फिर पास के कूड़ा घर में फेंक दिया जाएगा।
मशीन का ट्रायल शुरू
वहां से कूड़ा प्रोसेसिंग के लिए वेस्ट प्लांट चला जाएगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ लक्ष्मी वीएस और सीनियर मैनेजर चेतराम सिंह, मैनेजर दिव्या चौधरी और संध्या सिंह तथा स्वास्थ्य विभाग की अन्य टीम के सामने इस मशीन का ट्रायल शुरू हुआ। प्राधिकरण पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मार्केट में ट्रायल पर इसका इस्तेमाल करेगा, ताकि इसकी खूबियों और खामियों के बारे में ठीक से जानकारी हो सके।
उसके बाद ही इस मशीन को खरीदने पर निर्णय लिया जाएगा। यह बैटरी संचालित मशीन है। एक बार बैटरी चार्ज होने पर यह लगभग 10 घंटे चलेगी। इस बारे में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ लक्ष्मी वीएस ने कहा है कि ग्रेटर नोएडा के बाजारों को चमकाने के लिए प्राधिकरण हर संभव प्रयास कर रहा है। लिटर पिकिंग मशीन का ट्रायल चल रहा है। सब कुछ ठीक रहने पर प्राधिकरण इसे खरीदने पर फैसला लेगा। उन्होंने ग्रेटर नोएडा वासियों से भी शहर को स्वच्छ बनाने में सहयोग की अपील की है।
ये भी पढ़ें- मेरठ-सोनीपत से आगरा जाना होगा आसान, यमुना एक्सप्रेसवे-KMP एक्सप्रेसवे होगा मर्ज