Greater Noida Authority: ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने बीते दो साल में 44 औद्योगिक प्लॉट की योजना को कई बार निकाला, लेकिन अब तक प्लॉट आवंटित नहीं किए गए हैं। आरोप है कि इसके बाद जब मामले ने तूल पकड़ा तो अथॉरिटी ने बिना सूचना दिए इस योजना को रद्द कर दिया। इस पूरे मामले में औद्योगिक नगरी के करीब 11 हजार उद्यमियों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के इस कारनामे की नोएडा एंटरप्रिनियोर्स एसोसिएशन (एनईए) में शिकायत की है।
हर महीने 14% ब्याज देना पड़ रहा
शिकायत के अनुसार उद्यमियों से 5900 रुपये प्रति ब्रोशर फीस व 60180 रुपये प्रोसेसिंग फीस दी थी। उनका दावा है कि इस पर हर महीने करीब 10% का ब्याज प्राधिकरण ले रहा है। जबकि उद्यमियों को बैंक में हर महीने 14% ब्याज देना पड़ रहा है। शिकायत के बाद एनईए ने मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश व औद्योगिक विकास एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में जांच की मांग की है।
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बैंक का आईएफएससी कोड गलत दिया था
इस बारे में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सौम्य श्रीवास्तव ने मीडिया में बयान दिया कि अधिकतर आवेदकों का पैसा रिफंड कर दिया गया है, 12 लोग ऐसे हैं जिन्होंने बैंक का आईएफएससी कोड गलत दिया था, उनके पैसे भी जल्द रिफंड होंगे। आगे उन्होंने स्पष्ट करते हुए बताया कि फार्म का शुल्क वापस नहीं किया जाता है।
361 रेजिडेंशियल प्लॉट की स्कीम का लकी ड्रा होगा
इससे पहले यूपी के ग्रेटर नोएडा से सटे यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEDA) ने 361 रेजिडेंशियल प्लॉट की स्कीम निकाली थी। अथॉरिटी 10 अक्टूबर को ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में इन रेजिडेंशियल प्लॉट का ड्रॉ निकालेगी।
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