GDA Housing Scheme: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) दिल्ली-मेरठ रोड पर बसने वाली हरनंदीपुरम आवास योजना पर तेजी से काम कर रहा है। इस योजना के तहत पहले आठ गांव की जमीन का अधिग्रहण किया जाना था, लेकिन बाद में इन गांव की संख्या को घटाकर कम कर दिया गया। जमीन को लेकर किसानों से बात की जा रही है। किसानों की सहमति के बाद जमीन अधिग्रहम का काम शुरू कर दिया जाएगा। जानिए इस योजना से अब कौन से गांवों को बाहर कर दिया गया है? वहीं, कौन से तीन गांव अब इस योजना का हिस्सा बने रहेंगे?
योजना में क्या हुआ बदलाव?
हरनंदीपुरम आवास योजना के लिए पहले 8 गांव की जमीन लेने की प्लानिंग की गई थी। जिसमें कुल 521 हेक्टेयर जमीन शामिल थी, लेकिन इसमें बदलाव करते हुए इसके लिए केवल 150 हेक्टेयर जमीन लेने का फैसला किया गया है। अब केवल शाहपुर मोरटा (77.4 हेक्टेयर), भौपुर (68.9 हेक्टेयर) और मोरटा (5.4 हेक्टेयर) की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। यानी इन तीनों गांव से 150 हेक्टेयर जमीन ली जानी है। इसके पहले योजना में नागला फिरोजपुर, मोहनपुर, अटौर, चंपत नगर, शमशेर, भेड़ा खुर्द और मथुरापुर गांव का भी नाम शामिल था, जिनको अब इस योजना से बाहर कर दिया गया है।
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किसानों से की जा रही बात
150 हेक्टेयर जमीन में से अभी कुछ जमीन जीडीए के पास पहले से ही मौजूद है। इन तीन गांव से अब 127 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना बाकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जीडीए और किसानों के बीच आपसी सहमति से जमीन का मुआवजा तय किया जाएगा। अगर फिर भी सहमति नहीं बन पाती है, तो भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत काम किया जाएगा। इस टाउनशिप को बनाने में करीब 10,000 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान लगाया गया है।
प्राधिकरण ने मांगी थी आपत्तियां
हरनंदीपुरम आवासीय योजना के लिए जनवरी में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने जमीन की पहचान कर ली थी। जिसके लिए प्राधिकरण ने किसानों से आपत्तियां भी मांगी थी। इसके बाद एक समिति का गठन जमीन की दरें तय करने के लिए किया गया। दरों को लेकर अगले 10 से 15 दिनों में कोई फैसला लिया जा सकता है। हालांकि अभी जमीन के सर्वे को जल्द शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
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