नोएडा को फरीदाबाद को जोड़ने वाला FNG एक्सप्रेसवे को हरियाणा सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसमें यमुना पर 550 मीटर लंबा पुल, जो लालपुर गांव के पास नोएडा को फरीदाबाद से सीधे जोड़ने का काम करेगा। 56 किलोमीटर लंबा फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद एक्सप्रेसवे का एक बार फिर से जल्द ही काम शुरू होने की संभावना है, क्योंकि हरियाणा ने इसके निर्माण को मंजूरी दे दी है। इसका काम 20 साल पहले शुरू हुआ था, जिसके तहत उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे का काम लगभग हो चुका था, लेकिन हरियाणा सरकार की मंजूरी की वजह से काम रोकना पड़ा। इसमें जो पुल प्रस्तावित है, वे नदी के दो किनारों को जोड़ेगा, जो लालपुर के पास यूपी-हरियाणा सीमा और नोएडा के सेक्टर 168 में चक मंगरोला के पास है।
लाखों लोगों को रोज फायदा
अभी नोएडा और फरीदाबाद के बीच रोज लगभग 1 लाख लोग सफर करते हैं, जो नोएडा एक्सप्रेसवे और कालिंदी कुंज से होते हुए जाते हैं। नोएडा प्राधिकरण के उप महाप्रबंधक विजय रावल ने मीडिया से बात करते हुए जानकारी दी कि पिछले साल एक बैठक में NCR प्लानिंग बोर्ड ने सुझाव दिया था कि यूपी और हरियाणा सरकारें पुल की लागत को बराबर-बराबर बांट लें। उन्होंने आगे कहा कि नोएडा ने इस बात पर सहमति जताई, लेकिन हरियाणा सरकार को इसके लिए जमीन खरीदनी थी, जो वह नहीं खरीद पाई। इसके चलते ही पुल के निर्माण में और ज्यादा देरी हुई है। आपको बता दें कि 56 किलोमीटर FNG एक्सप्रेसवे की कुंजी है, जो दो एनसीआर शहरों और गाजियाबाद के बीच की यात्रा आसान हो जाएगी।
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कितना हुआ काम?
हाल ही में हरियाणा सरकार ने पुल की लागत का 50 फीसदी शेयर करने पर सहमति जताई है, जिसका निर्माण 460 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। अब तक नोएडा से गुजरने वाले एक्सप्रेसवे के कुल 23 किलोमीटर में से 11.6 किलोमीटर का निर्माण किया जा चुका है। नोएडा में 12.1 किलोमीटर के अधूरे हिस्से में छजारसी गांव में 650 मीटर की एलिवेटेड रोड का निर्माण होना है। सोरखा गांव के पास एक्सप्रेसवे की एक लेन और सेक्टर 143 के पास शहादरा में 200 मीटर की एक और लेन कानूनी कारणों के चलते अभी अधूरी है। वहीं, एक एलिवेटेड सेक्शन को भी सिंचाई विभाग की मंजूरी मिलना बाकी है। FNG को नोएडा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा, जिसमें एक अंडरपास का काम भी अधूरा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट को 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा।
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