Keshav Prasad Maurya Letter: सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव मौर्या के बीच छिड़ी तकरार अभी शांत नहीं हुई है। इस बीच दोनों के बीच एक नया विवाद सामने आया है। जानकारी के अनुसार केशव प्रसाद मौर्या ने सीएम योगी के अगुवाई वाले विभाग को लेटर भेजकर आरक्षण का ब्यौरा मांगा है। लेटर में केशव मौर्या ने कहा कि वे इस मुद्दे को विधान परिषद् में भी उठा चुके हैं।
डिप्टी सीएम केशव मौर्या ने यह लेटर कार्मिक विभाग के मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव को लिखा है। लेटर में डिप्टी सीएम ने आउटसोर्सिंग या संविदा पर काम कर रहे कुल कर्मचारियों की डिटेल मांगी है। पत्र में डिप्टी सीएम ने लिखा कि मैंने 11 अगस्त 2023 को इस मुद्दे को विधान परिषद् में उठाया था। इसके बाद अधिकारियों ने जानकारी मांगी। 16 अगस्त 2023 को मैंने इसके लिए पत्र लिखा। लेकिन जानकारी नहीं मिली। इसके बाद मैंने एक बार फिर पत्र लिखा।
सियासी गलियारों में छाया मौर्या का लेटर
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने पत्र लिखकर शासनादेश के अनुसार समस्त विभागों को सूचीवार इकट्ठा कर जानकारी पेश करें। ऐसे में डिप्टी सीएम केशव मौर्या का लेटर इन दिनों लखनऊ के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। बता दें कि सीएम और डिप्टी सीएम के बीच हाल ही में विवाद तब सामने आया था जब मीटिंग के दौरान केशव मौर्या ने कहा था कि संगठन हमेशा से ही सरकार से बड़ा होता है। इसके बाद केशव मौर्या और अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी दिल्ली में दो दिनों तक डेरा डालकर बैठे रहे।
ये भी पढ़ेंः ‘पहचान बताने की जरूरत नहीं…’ योगी सरकार के नेमप्लेट वाले आदेश पर SC ने लगाई रोक
ये कहा था डिप्टी सीएम मौर्या ने
बता दें कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार और वर्तमान बयानबाजी को लेकर 15 पेज की एक रिपोर्ट भूपेंद्र चौधरी ने पीएम मोदी को सौंप दी है। केशव मौर्या ने अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि जो आपका दर्द है वहीं मेरा भी है। बीजेपी में सरकार से बड़ा संगठन है। संगठन था और रहेगा। उन्होंने कहा कि 7 कालिदास मार्ग हमेशा खुला रहता है।
ये भी पढ़ेंः ‘मंत्री रहेंगे तो न्याय नहीं मिलेगा’ संसद में धर्मेंद्र प्रधान पर बरसे Akhilesh Yadav