Delhi-NCR Air Pollution Impact: दिल्ली (Delhi) और नोएडा (Noida) के बाद गाजियाबाद (Ghaziabad) जिला प्रशासन ने भी प्रदूषण (Air Pollution) के बढ़ते कहर को देखते हुए कड़े फैसले लिए हैं। हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ होने के कारण निजी निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इतना ही नही जिले में हुईं ताबड़तोड़ कार्रवाईयों के बाद 15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
समाचार एजेंसियों के मुताबिक एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में जीआरएपी (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) -3 लागू होने के तहत निजी निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उद्योगों की निगरानी की जा रहा है। साथ ही प्रशासन की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लंघन पर ₹15 लाख का जुर्माना लगाया है। साथ ही कई को नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं।
Ghaziabad, UP | Construction activities banned as air quality turns severe
Post implementation of GRAP-3 in NCR,private construction activities are banned. Industries being regulated&Rs15 lakhs fine to be levied for disobeying rules.Notices being issued to rule-breakers:ADM City pic.twitter.com/Q3sM8ZebnD
---विज्ञापन---— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 6, 2022
गाजियाबाद में पहले बार ‘गंभीर’ स्थित
बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार शहर में गुरुवार को अपना पहला ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता वाला दिन (एक्यूआई 416) दर्ज किया। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के अधिकारियों ने बताया कि आखिरी बार 26 दिसंबर, 2021 को गाजियाबाद में एक्यूआई ने गंभीर श्रेणी में प्रवेश किया था, जब एक्यूआई ने 429 को छुआ था।
जीआरएपी क्या है?
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान या जीआरएपी आपातकालीन उपायों के चरण हैं। वर्ष 2016 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से इसे अनुमोदित किया गया था, जब दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र की वायु गुणवत्ता एक सीमा से बहुत ज्यादा खराब हो गई थी।
- GRAP-1 तब लागू होता है जब AQI “खराब” श्रेणी में होता है।
- GRAP-2 को तब लागू किया जाता है जब हवा “बहुत खराब” हो जाती है।
- GRAP-3 तब सक्रिय हो जाता है जब एक्यूआई “गंभीर” श्रेणी में प्रवेश करता है।
- GRAP-4 ‘गंभीर+’ होने के बाद योजना के चरण 4 के उपाय कार्य में आ जाते हैं।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI)
0 और 50 के बीच AQI को ‘अच्छा’, 51 और 100 ‘संतोषजनक’, 101 और 200 ‘मध्यम’, 201 और 300 ‘खराब’, 301 और 400 ‘बहुत खराब’, और 401 और 500 ‘गंभीर’ माना जाता है।
नोएडा लगा चुका है ये प्रतिबंध
- जिला प्रशासन की ओर से कहा गया है कि मैकेनिकल स्वीमिंग में धूल नहीं जमनी चाहिए।
- निर्माण स्थलों पर एंटी स्मॉग गन लगाई जाए। पांच हजार वर्ग मीटर की जगह पर स्मॉग गन लगानी होगी।
- 10 हजार वर्ग मीटर के क्षेत्र के लिए दो स्मॉग गन, 15,000 वर्ग मीटर के लिए तीन स्मॉग गन और 20,000 वर्ग मीटर के निर्माण क्षेत्र के लिए चार स्मॉग गन लगाना अनिवार्य है।
- डस्ट एप पर निर्माण कार्य का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है।
- सभी निर्माण स्थलों को कपड़ों या टिनशेड से कवर किया जाना चाहिए।
- खुले में आग लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। होटलों में बड़े तंदूरों का इस्तेमाल तत्काल प्रभाव से बंद।
- पूरे जिले में किसी भी तरह के खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कोई खनन करते पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- कचरा, गत्ते और घास के पत्तों को जलाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
- नोएडा प्राधिकरण ने डीजल इंजन और जेनरेटर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है।
- नोएडा में 90 स्प्रिंकलर टैंकर और 40 एंटी स्मॉग गन लगाए गए हैं।
नोएडा से दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाहनों पर रोक
राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर को देखते हुए नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने शनिवार को अपनी सीमाओं से राष्ट्रीय राजधानी में वाणिज्यिक और निजी वाहनों सहित कई प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध की घोषणा की है।
जानकारी के मुताबिक नोएडा ट्रैफिक पुलिस की ओर से कहा गया है कि चयनित श्रेणी के वाहनों पर प्रतिबंध डीएनडी, चिल्ला बॉर्डर और कालिंदी कुंज की ओर से होगा। उन्हें उनके गंतव्य तक जाने के लिए डायवर्ट मार्ग प्रदान किया जाएगा।