Char Dham Yatra 2023: उत्तराखंड के केदारनाथ और बद्रीनाथ में भारी बारिश और बर्फबारी के बाद मौसम में गुरुवार को सुधार हुआ। इसके बाद दोनों तीर्थस्थानों पर यात्रा शुरू कर दी गई है। हालांकि एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बुधवार शाम के केदारनाथ मंदिर से तीन किमी दूर भैरव और कुबेर ग्लेशियरों के बीच दो बार हिमस्खलन में हुआ।
बुधवार को रोकी गई थी केदारनाथ यात्रा
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार भारी बर्फबारी और खराब मौसम के कारण बुधवार (3 मई) को केदारनाथ की यात्रा रोकी गई थी। रुद्रप्रयाग एसपी ने कहा था कि मौसम विभाग की चेतावनी के बाद यह फैसला लिया गया है। वहीं मौसम को देखते हुए गुरुवार सुबह 11 बजे से यात्रा को फिर से शुरू किया जाएगा। इसी क्रम में गुरुवार को केदारनाथ की यात्रा फिर से शुरू की गई है।
#WATCH | Kedarnath Dham, Uttarakhand: Kedarnath Yatra to resume today as weather conditions improve after two weeks of rain & heavy snowfall. pic.twitter.com/3q3NB44Elv
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 4, 2023
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बद्रीनाथ में बर्फबारी जारी
उधर, बद्रीनाथ धाम में भी बर्फबारी जारी है, जिसके कारण चमोली जिला पुलिस को तीर्थयात्रियों के लिए चेतावनी जारी करनी पड़ रही है। बद्रीनाथ थाने के प्रभारी कैलाश चंद्र भट्ट ने कहा कि केवल सत्यापित होटल या गेस्टहाउस बुकिंग वाले यात्रियों को ही बद्रीनाथ आने की सलाह दी जाती है। हालांकि यहां यात्रा शुरू है।
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#WATCH उत्तराखंड: बारिश और भारी बर्फबारी के बाद मौसम की स्थिति में सुधार होने के बाद बद्रीनाथ यात्रा आज फिर से शुरू होगी। pic.twitter.com/9NxVokxMI3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 4, 2023
भैरव और कुबेर ग्लेशियर के बीच हुआ हिमस्खलन
दूसरी ओर एक रिपोर्ट में कहा गया है कि केदारनाथ मंदिर के पास भैरव और कुबेर ग्लेशियरों के बीच बुधवार शाम को हिमस्खलन हुआ है। इससे मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया। जिला आपातकालीन संचालन केंद्र (डीईओसी) की ओर से कहा गया है कि मार्ग को फिर से चालू करने के लिए टीमें लगी हुई हैं।
दो बार हुआ हिमस्खलन
बुधवार को भारी बर्फबारी के कारण केदारनाथ की यात्रा प्रभावित हुई थी। बताया गया है कि इस हिमस्खलन में कोई हताहत नहीं हुआ है। घटना में चार स्थानीय कर्मचारी बाल-बाल बच गए। उन्हें एसडीआरएफ की टीम ने निकाल लिया। रुद्रप्रयाग के आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके राजवार ने कहा कि शाम करीब 4:55 बजे लिनचोली के पास (केदारनाथ मंदिर से सिर्फ 3 किमी दूर) के पास लगातार दो बार हिमस्खलन हुए।