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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

छांगुर उर्फ पीर बाबा कैसे बना 300 करोड़ का मालिक? ATS की जांच में हुआ चौंका देने वाला खुलासा

अवैध धर्मांतरण के मामले में छांगुर बाबा और नीतू उर्फ नसरीन से एटीएस की टीम पूछताछ कर रही है। इस दौरान कुछ ऐसे खुलासे हुए जिसे सुनकर एटीएस टीम भी चौंक गई है। बताया जा रहा है कि छांगुर बाबा की 300 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता चला है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Md Junaid Akhtar Updated: Jul 10, 2025 21:10
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300 करोड़ का मालिक है छांगुर बाबा

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से अवैध धर्मांतरण को लेकर पकड़े गए जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा उर्फ पीर बाबा के बारे में चौंका देने वाले खुलासे हो रहे हैं। छांगुर बाबा और नीतू उर्फ नसरीन 7 दिन रिमांड पर हैं। एटीएस समेत कई एजेंसियां आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं। इस पूछताछ में आरोपी छांगुर बाबा की 300 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता चला है।

ED भी करेगी छांगुर बाबा की जांच

एटीएस का दावा है कि छांगुर बाबा साइकिल पर अंगूठी बेचने का काम करता था। जब वह मुंबई और सऊदी अरब पहुंचा तो उसकी कमाई बढ़ गई और देखते ही देखते छांगुर 300 करोड़ का मालिक बन बैठा। बताया जा रहा है कि अब ED भी इस मामले में जांच करेगी। सूत्रों से पता चला है कि ED की टीम छांगुर बाबा के 40 बैंक खातों की गहनता से जांच करेगी। विदेश से मिलने वाले फंड के बारे में छांगुर बाबा से पूछताछ भी की जाएगी। छांगुर को ये पैसा कौन और किसलिए भेजता था? इस बारे में भी तफ्शील के साथ छानबीन की जाएगी।

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50 से ज्यादा बार की विदेश की यात्रा

जांच में पता चला है कि पिछले कुछ सालों छांगुर बाबा ने 50 से ज्यादा बार विदेशों की यात्रा की है। इस दौरान गल्फ के अलग-अलग देशों में गया है। कई देशों में छांगुर बाबा के मुरीद भी बताए जाते हैं। इसके अलावा छांगुर ने सऊदी अरब के साथ अन्य कई देशों की कई बार यात्रा की है। एटीएस अब इन सभी यात्रा को लेकर छांगुर बाबा से पूछताछ कर रही है। सूत्रों से पता चला है कि पूछताछ के दौरान छांगुर बाबा ने कई देशों की यात्रा के बारे में जांच टीम को बताया है।

20 सालों से आश्रम कर रहा था संचालित

बताया जा रहा है कि छांगुर बाबा पिछले करीब 20 सालों से बलरामपुर में चंदौलिया बाबा की दरगाह के निकट एक आश्रम चला रहा था। छांगुर खुद को पीर बाबा और हजरत जलालुद्दीन कहता है। छांगुर के शिष्य उसे इसी नाम से पुकारते थे। वह खुद को सूफी शैली का धर्म उपदेशक बताता था।

First published on: Jul 10, 2025 09:03 PM

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