Chandrayaan Mission: चंद्रमा के सतह पर चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक लैंडिंग कर रहा था और देश समेत दुनियाभर में मौजूद भारत के लोग जश्न मना रहे थे। देश के एक राज्य का एक छोटा सा गांव ऐसा था, जहां का नजारा ही अलग था। एक साधारण शख्स और उनकी पत्नी को गांव के लोग फूलमाला पहना रहे थे, उन्हें बधाईयां दे रहे थे। पूरे गांव में देर शाम तक मिठाईयां बांटी गई और जश्न चलता रहा। इस सबका कारण था कि यहां के किसान के बेटे ने भी चंद्रयान की लैंडिंग में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के छोटे से गांव के सरकारी स्कूल में इकट्ठा सैकड़ों लोग उस वक्त जश्न मनाने लगे, जब चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरकर इतिहास रच दिया। टीकरी गांव के लोगों के लिए ये एक विशेष अवसर था, क्योंकि उनके किसी अपने ने भारत के चंद्रमा मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
टिकरी गांव के किसान के बेटे पेशे से साइंटिस्ट धर्मेंद्र प्रताप यादव भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ काम कर रहे हैं। धर्मेंद्र को चंद्र प्रयास के लिए सिग्नल संचारित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 35 साल के धर्मेंद्र मंगलयान प्रोजेक्ट से जुड़े थे।
चंद्रयान की लैंडिंग में भूमिका निभाने वाले धर्मेंद्र का ऐसा है करियर
साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले धर्मेंद्र का करियर भी बेहद साधारण रहा है। फिरोजाबाद में इंटरमीडिएट की शिक्षा लेने के बाद उन्होंने मथुरा के हिंदुस्तान कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया। बाद में पंजाब के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जालंधर से एमटेक पूरा किया। अगस्त 2011 में, उन्होंने इसरो में अपनी सपनों की नौकरी हासिल की।
धर्मेंद्र का परिवार उनकी सफलता का प्रमाण है। उनके पिता शंभू दयाल यादव और मां कमला देवी, एक चाचा और अन्य रिश्तेदारों के साथ टिकरी गांव में रहते हैं। धर्मेंद्र का छोटा भाई उपेन्द्र यादव, बीटेक कर रहा है और उनकी बहन शादीशुदा है।
बेटे की सफलता पर क्या बोलीं मां कमला
धर्मेंद्र की मां कमला देवी ने कहा कि उनके बेटे ने न सिर्फ भारत बल्कि फिरोजाबाद जिले और अपने गांव टीकरी का नाम भी रोशन किया है। पिता शंभू दयाल यादव ने कहा कि मुझे अपने बेटे पर गर्व है। धर्मेंद्र के चचेरे भाई राहुल यादव ने कहा कि उनके भतीजे धर्मेंद्र ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एजेपी अब्दुल कलाम से प्रेरणा लेकर अपना वैज्ञानिक स्वभाव विकसित किया।
गांव के लोगों ने बताया कि धर्मेंद्र दो महीने पहले घर आए थे और चंद्रयान 3 मिशन की सफलता और महत्व के बारे में बहुत आत्मविश्वास से बात की थी। पूरा गांव उनकी वापसी पर उनका भव्य स्वागत करने की योजना बना रहा है।