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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

बुलंदशहर हिंसा में 5 को उम्रकैद, 33 को 7-7 साल की सजा, क्या हुआ था साढ़े 6 साल पहले‌?

Bulandshahr Violence 3 December 2018: बुलंदशहर में 3 दिसंबर 2018 को गोकशी के मामले में इंस्पेक्टर समेत 2 लोगों की हत्या करके चौकी फूंक दी गई थी। मामले में दोषी करार दिए गए 38 लोगों को आज सजा सुनाई गई।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Aug 1, 2025 18:23
Bulandshahr Violence | UP Siyana News | Inspector Subodh Murder
गौकशी की अफवाह के बाद हिंसा भड़की थी और आगजनी भी हुई थी।

Bulandshahr Violence Case Update: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के बहुचर्चित स्याना हिंसा और मर्डर केस में आज 38 दोषियों को सजा सुनाई गई है। 38 में से 5 दोषियों को उम्रकैद और 33 को 7-7 साल की सजा सुनाई गई है, जिन्हें 30 जुलाई 2025 को दोषी करार दिया गया था। दोषियों में BJP नेता, ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और RSS से जुड़े लोग शामिल हैं। केस में फैसला आने के मद्देनजर बुलंदशहर कोर्ट के बाहर और अंदर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। 5 थानों की पुलिस तैनात रही और 3 CO को दोषियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

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एक नाबालिग का केस जुवेनाइल कोर्ट में विचाराधीन

ASP ऋजुल ने बताया कि बुलंदशहर थाने की पुलिस ने 44 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। 44 में से 5 आरोपियों की मौत हो चुकी है और एक नाबालिग आरोपी का केस जुवेनाइल कोर्ट में विचाराधीन है। बुलंदशहर कोर्ट ने 30 जुलाई 2025 दिन बुधवार को 38 लोगों को हिंसा, आगजनी, मर्डर केस में दोषी करार दिया। 5 लोगों पर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या का दोष साबित हुआ है। बाकी 33 लोगों पर हिंसा भड़काने, आगजनी और हत्या के प्रयास का दोष साबित हुआ। गोकशी के मामले में हिंसा भड़की थी। इंस्पेक्टर और एक युवक की हत्या करके चौकी फूंक दी गई थी।

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क्या हुआ था 3 दिसंबर 2018 को?

बता दें कि बुलंदशहर जिले के स्याना कस्बे के महाव गांव में 3 दिसंबर 2018 गोकशी की अफवाह फैली थी। गांव में गोवंश के अवशेष मिलने की खबर फैलते ही हिंदूवादी संगठन और ग्रामीण भड़क गए। ग्रामीण अवशेषों को ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर चौकी पहुंचे और गोकशी का विरोध किया। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो भीड़ उग्र हो गई और पुलिस पर पथराव किया। भीड़ ने चिंगरावठी पुलिस चौकी पर हमला किया और पुलिस की गाड़ियों को आग लगा दी। हमले में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार और एक युवक सुमित कुमार की मौत हुई थी। पथराव करने और पुलिस गाड़ियां फूंकने के बाद भीड़ ने पुलिस चौकी भी फूंकी थी।

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मुख्य दोषी जिला पंचायत सदस्य योगेश

उग्र भीड़ को शांत करने के लिए पुलिस ने गोकशी के आरोप में 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। चौकी में तैनात सब इंस्पेक्टर सुभाष सिंह ने हिंसा, आगजनी और मर्डर की शिकायत दी। मुख्य आरोपी वर्तमान जिला पंचायत सदस्य योगेश राज समेत 27 लोगों को नामजद करके 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था, लेकिन पुलिस की जांच में 44 लोग ही आरोपी साबित हुए। 16 लोग के नाम सबूतों के अभाव में केस से हट गए। 44 आरोपी गिरफ्तार करके जेल भेजे गए। 6 साल 7 महीने में 5 आरोपियों की मौत हो चुकी है। बाकी बचे 38 लोग दोषी हैं, जिनमें से 4 जेल में हैं और 34 जमानत पर बाहर हैं।

बता दें कि मुख्य आरोपी योगेश राज भी जमानत पर है। उसे सुप्रीम कोर्ट ने एक महीना पहले ही जमानत दी थी।

First published on: Aug 01, 2025 02:39 PM

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