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UP ATS का बड़ा एक्शन : बांग्लादेशियों को भारत में बसा रहे थे तीन आरोपियों को पकड़ा

यूपी एटीएस (UP ATS) ने बांग्लादेशियों को भारत में बसा रहे थे तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से तीन मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। इसके साथ ही बांग्लादेश के दो सिम भी मिले हैं। आरोपियों ने एटीएस को बताया कि वह बांग्लादेश से मानव तस्करी करते हैं।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Oct 12, 2023 23:31
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यूपी एटीएस ने बांग्लादेशियों को भारत में बसा रहे थे तीन आरोपियों को पकड़ा है।

UP ATS News: यूपी की देवबंद और वाराणसी एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) की टीम को बुधवार को बड़ा कामयाबी हाथ लगी। एटीएस ने देवबंद से पकड़े गए तीन बांग्लादेशी युवकों को लेकर बड़ा खुलासा किया है। एटीएस ने तीनों के खिलाफ लखनऊ में केस दर्ज कराया है। जिसके बाद एटीएस ने मीडिया के लिए प्रेस नोट जारी किया है। प्रेस नोट के अनुसार आरोपी मानव तस्करी कर बांग्लादेशियों को भारत में लाकर बसाते थे और इनके फर्जी दस्तावेज भी बनवाते थे। इन्हें विदेश से 20 करोड़ की फडिंग भी मिलने की जानकारी मिली है। एटीएस को इनके देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के भी सुबूत मिले हैं।

एटीएस ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि प्रदेश में कुछ बांग्लादेशी मानव तस्करी कर रहे हैं, जो बांग्लादेशियों को भारत में लाकर बसाने और उनके फर्जी दस्तावेज भी तैयारकरने का कताम करते हैं। इसके बाद वाराणसी और देवबंद एटीएस ने बुधवार को आदिल मोहम्मद असरफी निवासी मीरपुर बांग्लादेश को वाराणसी से गिरफ्तार कर लिया।

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एटीएस गिरफ्त में आरोपी ने बताया कि वह मूल रूप से बांग्लादेश का निवासी है। वह देवबंद की मदीना कॉलोनी निवासी नजीबुल शेख निवासी हलदर पाड़ा गुरानबोस भरतगढ़ थाना बासंती जनपद दक्षिण 24 पश्चिम बंगाल और अबू हुरायरा गाजी निवासी कालूतला रामेश्वरपुर थाना हसनाबाद पश्चिम बंगाल की मदद से भारत आया है। इन लोगों ने उसका फर्जी आधार, पेन कार्ड और अन्य दस्तावेज भी तैयार कराए हैं। इसके बाद एटीएस बुधवार को देवबंद नजीबुल शेख और अबू हुरायरा को पकड़ा था।

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विदेशी सिम और तीन मोबाइल हुए बरामद

एटीएस को आरोपियों के कब्जे से तीन मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। साथ ही बांग्लादेश के दो सिम भी मिले हैं। आरोपियों ने एटीएस को बताया कि वह बांग्लादेश से मानव तस्करी करते हैं। कुछ दिन पहले बांग्लादेश से एक महिला को भी उन्होंने भारत बुलाया है, जिसे दिल्ली में रखा गया है। एटीएस की जांच में सामने आया है कि आरोपियों को विदेश से 20 करोड़ की फंडिंग भी हो चुकी है। आरोपी लंबे समय से देवबंद में रह रहे थे।

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News24 हिंदी

First published on: Oct 12, 2023 11:31 PM

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