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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

Bareilly Violence: ‘चाहे पुलिस वालों की हत्या भी…’ बरेली हिंसा से पहले तौकीर रजा ने प्रदर्शनकारियों से क्या कहा था?

उत्तर प्रदेश के बरेली में बीते शुक्रवार 26 सितंबर को आई लव मोहम्मद कैंपेन को लेकर हुई हिंसा मामले में दायर एफआईआर में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. एफआईआर में कहा गया है कि हिंसा एक सोची-समझी साजिश थी. इसमें ये भी कहा गया है कि हिंसा को अंजाम देने में मौलाना तौकीर रजा खान का हाथ था, वही आरोपी नंबर वन हैं.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Versha Singh Updated: Oct 2, 2025 12:05
फोटो सोर्स- सोशल मीडिया

Bareilly Violence Latest News: उत्तर प्रदेश के बरेली में बीते शुक्रवार 26 सितंबर को आई लव मोहम्मद कैंपेन को लेकर हुई हिंसा मामले में दायर एफआईआर में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. एफआईआर में कहा गया है कि हिंसा एक सोची-समझी साजिश थी. इसमें ये भी कहा गया है कि हिंसा को अंजाम देने में मौलाना तौकीर रजा खान का हाथ था, वही आरोपी नंबर वन हैं.

इस मामले में पुलिस ने भी एक बड़ा खुलासा किया है. पुलिस के अनुसार, तौकीर रजा ने ही प्रदर्शनकारियों को निर्देश दिए थे कि आज शहर का माहौल बिगाड़ना है, चाहे इसमें पुलिसवालों की हत्या ही क्यों न करनी पड़े, मुस्लिमों की ताकत दिखानी है. पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों को ये निर्देश दिए गए थे कि पुलिस वालों की भी हत्या करनी है.

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जब्त की गई मौलान तौकीर की अवैद संपत्तियां

बीते दिनों बरेली में हुए हंगामे के बाद प्रशासन ने मौलाना तौकीर सहित अन्य उपद्रवियों की अवैध व नियम विरुद्ध खड़ी की गई संपत्तियों को चिह्नित करने का अभियान चलाया.

बरेली विकास प्राधिकरण की टीम ने रविवार को मौलाना के करीबी आरिश खान के पीलीभीत रोड स्थित होटल स्काई लार्क, फाहम लान और फ्लोरा गार्डन बरातघर को सील कर दिया. अधिकारियों के अनुसार होटल और बरातघर का निर्माण नक्शे के अनुसार नहीं कराया गया था.

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मामले में पुलिस ने 15 और आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं, बीते शनिवार को मौलाना सहित 51 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस टीमें स्मार्ट सिटी परियोजना में लगे 170 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देख रही हैं.

रात में लगाए गए थे ‘I Love Muhammad’ के पोस्टर

बरेली में हिंसा भड़काने के लिए कुछ लोगों ने विवादित पोस्टर लगाकर माहौल खराब करने की कोशिश की. जब सुबह ‘I Love Muhammad’ के पोस्टर पर हिंदू संगठन की नजर पड़ी तो माहौल और ज्यादा गर्म हो गया. जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने कुछ लोगों की मदद से लगे सभी पोस्टर हटाए और हिंदू संगठन के लोगों को भी शांत कराया.

यह भी पढ़ें- बरेली हिंसा के 2 और आरोपियों का एनकाउंटर, नदीम निकला दूसरा मास्टरमाइंड, बताया कैसे भड़काया था लोगों को?

FIR में हुए ये खुलासे

-एफआईआर के मुताबिक, हिंसक भीड़ कह रही थी कि तौकीर रजा ने कहा है कि आज शहर का माहौल बिगाड़ना है, चाहे इसमें पुलिस वालों की हत्या भी करनी पड़ी, मुस्लिमों को अपनी ताकत दिखानी है.

-‘आई लव मोहम्मद’ को लेकर हुए इस प्रदर्शन में अपराधियों को बुलाया गया था जो दूसरे जिलों से भी आए थे.

-भीड़ में से कुछ लोगों ने ‘गुस्ताख नबी की एक सजा, सर तन से जुदा’ के नारे लगाए थे जिससे भीड़ उग्र हुई और बवाल पर उतर आई.

-नारे लगाते हुए भीड़ ने कहना शुरू किया कि मौलाना तौकीर रजा ने कहा है-आज तो शहर का माहौल बिगाड़ देना है, चाहे इसमें पुलिस वालों की हत्या ही क्यों न करनी पड़े.

-एफआईआर में इस बात की पुष्टि भी की गई है कि जुमे के दिन उमड़ी इस भीड़ ने पुलिस पर अवैध हथियारों से जान से मारने के इरादे से फायरिंग की थी.

-पुलिस वालों के डंडे छीने और उनपर हमला किया, पुलिस वालों के बैच नोचे गए. कांच की बोतलों से पेट्रोल बम फेंके गए जिससे कई पुलिस वाले घायल हुए.

-पुलिसकर्मियों पर धारदार हथियार से हमला किया गया.

-डीआईजी अजय कुमार साहनी ने इसे पूर्वनियोजित साजिश बताया, जो पश्चिमी यूपी में शांति भंग करने और राज्य की विकास योजनाओं को पटरी से उतारने का प्रयास था.

दो आरोपियों का एनकाउंटर

उत्तर प्रदेश के बरेली में जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़काने और पुलिस पर फायरिंग करने के 2 और आरोपियों का एनकाउंटर हुआ है. बरेली के सीबीगंज थाना पुलिस ने दोनों को पैर में गोली मारकर पकड़ा है. आरोपियों के नाम इदरिस और इकबाल हैं, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं दोनों आरोपियों से पुलिस को हथियार भी मिले हैं. दोनों पर 26 सितंबर को इस्लामिया इंटर कॉलेज इलाके में दंगे के दौरान पुलिस पर फायरिंग करने और एक सिपाही की सरकारी एंटी-रायट गन लूटने का आरोप है.

बरेली में हिसां कैसे भड़की?

पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम खान ने बताया कि उसने हिंसा से एक दिन पहले इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में एक मैसेज डालकर लोगों को भड़काया था. उसने मैसेज में काउंसिल की शांति अपील को फर्जी बताया था. 25 सितंबर को दिन में काउंसिल के लेटरहेड पर लिखकर एक शांति अपील की गई थी कि बरेली प्रशासन ने इस्लामिया इंटर कॉलेज में सभा करने की परमिशन नहीं दी है और मौलाना तौकीर रजा सरकार को ज्ञापन सौंपेंगे. इसलिए लोग जुमे की नमाज के बाद अपने घर चले जाएंगे, लेकिन रात 1 बजकर 23 मिनट पर नदीम के मैसेज ने लोगों को भड़का दिया. उसने मैसेज में लिखा कि ‘काउंसिल के लेटरहेड पर की गई शांति अपील फर्जी है. इस अपीलीय संदेश का काउंसिल से कोई लेना-देना नहीं है. हम जो विरोध प्रदर्शन और आंदोलन करना चाहते हैं, उसे रोकने की साजिश रची जा रही है.’

First published on: Oct 02, 2025 11:44 AM

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