भदोही: उत्तर प्रदेश के भदोही में शुक्रवार को 9 साल पुराने गैंगरेप केस में बड़ा फैसला आया है। मामला वाराणासी की गायिका के साथ सामूहिक दुष्कर्म का है, जिसमें ज्ञानपुर के पूर्व विधायक विजय मिश्रा, उनके बेटे और पोते के खिलाफ कोर्ट ट्राल जारी था। विजय मिश्रा के बेटे और पोते को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है, वहीं विजय मिश्रा की सजा पर फैसला शनिवार को आएगा। यहां यह बात भी उल्लेखनीय है कि विजय मिश्रा के खिलाफ हत्या, रेप, मारपीट, कब्जे और रंगदारी जैसे 80 से ज्यादा केस दर्ज हैं, लेकिन अभी तक यह दूसरा मामला है, जिसमें विजय मिश्रा को दोषी करार दिया गया है।
1990 में पहली बार कांग्रेस के ब्लॉक प्रमुख बने थे विजय मिश्रा
गौरतलब है कि विजय मिश्रा ने सबसे पहले एक पेट्रोल पंप स्थापित किया था, फिर कई ट्रक भी कर लिए। बात 1980 की है, जब परिचित पंडित कमलापति विजय मिश्रा को राजनीति में ले आए और उनके कहने पर चुनाव लड। 1990 में पहली बार विजय मिश्रा कांग्रेस के ब्लॉक प्रमुख बने। हालांकि विजय मिश्रा के राजीव गांधी के साथ अच्छे ताल्लुक थे, लेकिन बाद में मिश्रा ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया। भदोही में विजय मिश्रा के खिलाफ मर्डर, लूट, किडनैपिंग, रेप, मारपीट, प्रॉपर्टी कब्जाने, धोखाधड़ी और रंगदारी जैसे गंभीर आरोपों में 83 केस दर्ज हैं। गैंगस्टर एक्ट में करोड़ों रुपए की संपत्ति जब्त हो चुकी है, वहीं 2009 के जनसभा में गोली चलने के एक मामले में इसी साल MP-MLA कोर्ट ने पांच साल की कैद का फैसला सुनाया था। अब एक गायिका के साथ गैंगरेप केस में विजय मिश्रा को दोषी करार दिया है।
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गैंगरेप पीड़िता ने लगभग 6 साल बाद कराई थी FIR दर्ज
वाकया 2014 का है, लेकिन इस संबंध में वाराणसी की रहने वाली गायिका ने 2020 में पुलिस को शिकायत दी थी। गायिका का आरोप था कि लोकसभा चुनाव के दौरान एक कार्यक्रम के नाम पर बुलाकर उसके साथ विजय मिश्रा, उनके बेटे विष्णु मिश्र और पोते ज्योति उर्फ विकास मिश्रा ने सामूहिक रूप से दुष्कर्म किया। शिकायतकर्ता की मानें तो लगभग 6 साल वह विजय मिश्रा के दबदबे के कारण डरकर चुप रही और जब प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई तो विजय मिश्रा के खिलाफ दूसरे मामलों में चल रही कार्रवाई के चलते हिम्मत जुटाकर अपनी वेदना रखी।
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बेटा-पोता बरी, विजय की सजा पर फैसला कल
MP-MLA कोर्ट में पूर्व विधायक विजय मिश्रा, बेटे विष्णु मिश्र और पोते ज्योति उर्फ विकास मिश्रा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई। शुक्रवार को जस्टिस सुबोध सिंह ने बेटे और पोते को दोषमुक्त कर दिया, वहीं विजय मिश्रा को दोषी करार दिया है। सजा के लिए अगली सुनवाई शनिवार होगी। पीड़िता की पैरवी कर रहे सरकारी वकील दिनेशचंद पांडेय ने फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि फैसले के मद्देनजर कोर्ट परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था।