---विज्ञापन---

श्रीराम के बाद बद्रीनाथ BJP से नाराज! आखिर क्यों INDIA गठबंधन को मिला ‘आशीर्वाद’?

Badrinath Assembly By Polls Results 2024 : लोकसभा चुनाव के बाद सबकी निगाहें उपचुनाव पर टिकी थीं, जिसमें एनडीए को बड़ा झटका लगा। अयोध्या के बाद भाजपा एक और धर्मनगरी में हार गई, जहां कांग्रेस के उम्मीदवार को जीत मिली।

Edited By : Deepak Pandey | Updated: Jul 13, 2024 23:06
Share :
Rahul Gandhi, PM Narendra Modi
एक और धर्म नगरी में भाजपा को लगा झटका।

Badrinath Assembly By Polls Results 2024 : देश के सात राज्यों की 13 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों ने सबको चौंका दिया। इस उपचुनाव में एनडीए को बड़ा झटका लगा, जबकि इंडिया गठबंधन के खाते में 10 सीटें आईं। भाजपा को सिर्फ 2 सीटें मिलीं, जबकि बिहार की रुपौली सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने बाजी मारी। लोकसभा चुनाव में अयोध्या सीट गंवाने के बाद उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी बद्रीनाथ सीट हार गई, जिससे विपक्ष को फिर तंज कसने का मौका मिल गया। आइए जानते हैं कि इसके पीछे की क्या है वजह?

उत्तराखंड के चमोली जिले में बद्रीनाथ विधानसभा सीट आती है। इस धर्म नगरी में हुए उपचुनाव में भाजपा ने कांग्रेस विधायक रहे राजेंद्र सिंह भंडारी को उम्मीदवार बनाया था, जिन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा का दामन थाम लिया था। उन्होंने कांग्रेस के साथ विधायकी से भी इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस ने राजेंद्र भंडारी के खिलाफ लखपत सिंह बुटोला को चुनावी मैदान में उतारा। यहां की जनता ने कांग्रेस पर विश्वास जताया।

---विज्ञापन---

यह भी पढे़ं : Rupauli By polls Result: 2 महीने में लालू की चहेती को दूसरा झटका, निर्दलीय उम्मीदवार ने हार का लिया बदला

जानें किसने मारी बाजी?

---विज्ञापन---

कांग्रेस उम्मीदवार लखपत बुटोला ने भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र भंडारी को 5224 वोटों के अंतर से हरा दिया। लखपत बुटोला को 28161 वोट मिले, जबकि राजेंद्र भंडारी ने 22937 मत प्राप्त किए। इससे पहले भाजपा ने अयोध्या लोकसभा सीट भी गंवाई थी, जहां से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने जीत हासिल की। अब चर्चा है कि श्रीराम के बाद अब बद्रीनाथ भी भाजपा से नाराज हैं।

यह भी पढे़ं : बिहार में किसकी बनेगी सरकार? पप्पू यादव ने कांग्रेस को क्यों किया सावधान

जानें हार के क्या हैं कारण?

बद्रीनाथ उपचुनाव के रिजल्ट ने यह साबित कर दिया है कि जनता को दलबदलू नेता पसंद नहीं है। यह उपचुनाव थोपा गया, जिससे लोग भाजपा से नाराज चल रहे थे। यही कारण है कि सीएम पुष्कर धामी समेत कई कैबिनेट मंत्रियों के दौरे के बाद भी बीजेपी को सफलता नहीं मिली। अगर राजेंद्र भंडारी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिए होते तो यह उपचुनाव नहीं होता। 2022 विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर के बाद भी कांग्रेस के पाले में बद्रीनाथ सीट चली गई थी।

HISTORY

Edited By

Deepak Pandey

First published on: Jul 13, 2024 11:06 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें