Azam Khan Hate Speech Case: उत्तर प्रदेश के रामपुर में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान को हेट स्पीच मामले में एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने दोषमुक्त करते हुए बरी कर दिया है। अब इस मामले में कोर्ट की टिप्पणी ने बड़ा खुलासा किया है। कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि आजम खान के परिवार और तत्कालीन जिला निर्वाचन अधिकारी (जिलाधिकारी) आंजनेय कुमार सिंह के बीच संबंध अच्छे नहीं थे। इसी कारण आंजनेय कुमार सिंह ने दबाव में अनिल चौहान से आजम खान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
सेशन कोर्ट ने पलटा मजिस्ट्रेट कोर्ट का फैसला
बुधवार को रामपुर एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने सपा नेता आजम खान को हेट स्पीच मामले में बरी किया था। सेशन कोर्ट ने 27 अक्टूबर 2022 को जारी एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को रद्द किया है। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आजम खान को हेट स्पीच मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद आजम खान की ओर से सेशन कोर्ट में अपील की गई थी। कोर्ट ने सभी पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद बुधवार को अपना फैसला सुनाया।
आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ हेट स्पीच मामले में शिकायतकर्ता अनिल चौहान ने शिकायत वापस ली
◆ चौहान ने कोर्ट में कहा, "मैंने DM आंजनेय सिंह के दबाव में की थी शिकायत"#AzamKhan | Azam Khan pic.twitter.com/IRn6fFwbXm
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एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने की ये टिप्पणी
एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट के सत्र न्यायाधीश अमित वीर सिंह ने कहा कि आजम खान ने तत्कालीन जिला निर्वाचन अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह के खिलाफ टिप्पणियां की गई थीं। आजम खान के परिवार और आंजनेय कुमार सिंह के बीच विवाद भी था।
कोर्ट ने कहा कि आंजनेय कुमार सिंह खुद आजम खान के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करा सकते थे, लेकिन उन्होंने अनिल चौहान पर आजम खान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए दबाव बनाया। बताया गया है कि आजन खान के खिलाफ हेट स्पीच मामले में शिकायत करने वाले अनिल चौहान ने अपनी शिकायत वापस ले ली है। उन्होंने कोर्ट में कहा है कि मैंने जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह के दबाव में शिकायत की थी।
इसी मामले में गई थी आजम की विधायकी
बता दें कि 24 मई को आजम खान को 2019 के अभद्र और नफरती भाषण (हेट स्पीच) मामले में बड़ी राहत मिली थी। एमपी-एमएलए (सेशन कोर्ट) ने आजम खान को दोषमुक्त करते हुए बरी कर दिया है। पूर्व में इसी मामले में रामपुर एमपी-एमएलए (मजिस्ट्रेट कोर्ट) ने आजम खान को तीन साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता चली गई थी।