Azam Khan Regarding Big verdict in Court: उत्तर प्रदेश की रामपुर जेल में बंद आज़म खान की एप्लीकेशन पर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. दो पैन कार्ड के मामले में सात साल की सजा होने के बाद आजम खान की एप्लीकेशन पर कोर्ट ने आज सुनवाई की. दोपहर बाद इस केस पर फैसले को सुरक्षित कर लिया गया था. लंच के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया कि आज़म खान और अब्दुल्ला को जेल शिफ्ट से पहले कोर्ट की अनुमति लेनी होगी. गौरतलब है कि आजम खान ने अपनी एप्लीकेशन में कोर्ट से तीन अहम मांगें की थीं. आजम खान ने अपनी एप्लीकेशन में अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए कोर्ट से A श्रेणी की जेल में शिफ्ट करने की मांग की थी, जेल से शिफ्ट रात में नही दिन में किया जाए, साथ ही, यह भी कहना था कि उन्हें उनके बेटे अब्दुल्ला को उनके रहने रहने की अनुमति दी जाए.
यह भी पढ़ें: ‘हम तमंचे बेचने वाले नही हैं…’, हेट स्पीच केस में बरी होते ही बोले आजम खान, MP MLA कोर्ट का बड़ा फैसला
VIDEO | On SP leader Mohammed Azam Khan and his son Abdullah Azam being convicted and sentenced to seven years' imprisonment in a 2019 case related to obtaining two PAN cards using different dates of birth, BJP UP chief Bhupendra Singh Chaudhary (@Bhupendraupbjp) says, "In the… pic.twitter.com/Z9X6J0c6d7
— Press Trust of India (@PTI_News) November 19, 2025
यह भी पढ़ें: लखनऊ MP MLA कोर्ट के फैसले पर क्या बोले आजम खान? अखिलेश यादव को बताया औलाद जैसा
वादी के वकील संजीव सक्सेना ने कोर्ट का फैसला सुनाया. रामपुर की MP,MLA मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आदेश दिया कि प्रशासन या शासन इनका जेल स्थानांतरण करता है तो कोर्ट से अनुमति ली जाएगी. जेल मैनुअल के हिसाब से आज़म खान और अब्दुल्ला को सुविधाएं दी जाएंगी. गौरतलब है कि अब्दुल्ला आज़म के दो पेनकोर्ड के मामले में आज़म खान और अब्दुल्ला आज़म को कोर्ट ने 7-7 साल की सजा सुनाई थी. आज़म खान और अब्दुल्ला को रामपुर जेल भेजा गया था.
आजम खान को 425 और अब्दुल्ला को मिली 426 नवंबर की वर्दी
दो पैन कार्ड के मामले में सात साल की सजा होने के बाद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को रामपुर की जिला जेल में ही अन्य बंदियों के साथ रखा गया है. जेल मेन्यूल के अनुसार दोनों को अलग-अलग बैरक में रखा गया है. आजम खान को जेल में पहचान के लिए 425 नंबर मिला है, वहीं अब्दुल्ला को 426 नंबर की वर्दी मिली है. जेल अधीक्षक राजेश यादव का कहना है कि दोनों को जेल मेन्युल के हिसाब से ही खाना दिया जा रहा है. अगर कोर्ट से मंजूरी मिली तो आजम को जेल में मच्छरदानी, कंबल और कुर्सी-टेबल मिल सकता है.
पहले हेट स्पीच और मानहानि केस से हुए थे बरी
लखनऊ की एमपी,एमएलए कोर्ट ने 6 साल पहले दर्ज भड़काऊ भाषण के केस में आजम खान को बरी किया था. वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान सपा के प्रत्याशी होते हुए आजम खान ने सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र में 23 अप्रैल को चुनावी सभा की थी, आरोप था कि चुनावी सभा में आजम खान ने वोटर्स को उकसाते हुए चुनाव आयोग पर अभद्र टिप्पणियां की थीं. आज़म ख़ान इसी 7 नवंबर को लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में दर्ज 6 साल पुराने मानहानि के मामले से बरी हुए थे. एमपी एमएलए कोर्ट ने ही उन्हें बरी किया था. आजम खान के खिलाफ 2019 में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मानहानि का केस दर्ज हुआ था. आजम खान के खिलाफ 2019 में सरकारी लेटर पैड और मोहर का गलत इस्तेमाल कर वैमनस्यता फैलाने, मानहानि करने के मामले में केस दर्ज किया गया था.









