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Diwali 2023: दुनिया में नया कीर्तिमान स्थापित करेगा अयोध्या का दीपोत्सव, तीन दिन तक दिखेगा अद्भुत संगम

Ayodhya Diwali 2023: संस्कृति और अध्यात्म के संगम के बीच योगी सरकार की पहल पर 9 से 11 नवंबर तक भरत कुंड, गुप्तार घाट, बिड़ला धर्मशाला, रामघाट व रामकथा पार्क में भारतीय संस्कृति बिखेरी जाएगी। यहां एक तरफ जहां आध्यात्मिक यूपी दुनिया में नया मुकाम बनाएगी, वहीं सांस्कृतिक यूपी लोकगीतों, वाद्ययंत्रों व लोकसंस्कृति के जरिए अपनी गौरवशाली परंपरा को बढ़ाएगी।

Edited By : Swati Pandey | Updated: Nov 8, 2023 17:18
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Ayodhya Diwali 2023: लखनऊ, 8 नवंबर दीपोत्सव के अगुआ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में तैयारी पूरी हो गई है। विश्व फलक पर अयोध्या के दीपोत्सव की गूंज एक बार फिर अपनी अलग आध्यात्मिक पहचान स्थापित करेगी। संस्कृति और अध्यात्म के संगम के बीच योगी सरकार की पहल पर 9 से 11 नवंबर तक भरत कुंड, गुप्तार घाट, बिड़ला धर्मशाला, रामघाट व रामकथा पार्क में भारतीय संस्कृति बिखेरी जाएगी।
यहां एक तरफ जहां आध्यात्मिक यूपी दुनिया में नया मुकाम बनाएगी, वहीं सांस्कृतिक यूपी लोकगीतों, वाद्ययंत्रों व लोकसंस्कृति के जरिए अपनी गौरवशाली परंपरा को बढ़ाएगी। विलुप्त होने के कगार पर पहुंचे ग्रामीण परिवेश के धोबिया, फरुआही नृत्य के कलाकारों को भी सरकार ने दीपोत्सव जैसा अदि्वतीय मंच दिया तो राम की अयोध्या में ब्रज के लोकनृत्य की भी बयार बहाने का अवसर उपलब्ध कराया। अवध में ब्रज के कलाकार राम-कृष्ण की धरती की संस्कृति, भाषा और शैली से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगे। दीपोत्सव पर कुमार विशु ‘भजन गंगा में स्नान’ कराएंगे।

भाषा, बोली और संस्कृति का होगा संगम 

अयोध्या के सातवें दीपोत्सव में भारत के कई प्रांतों की भाषा, शैली,बोली व संस्कृति का भी अद्भुत संगम दिखेगा। 9 से 11 नवंबर तक यहां उत्तर प्रदेश व कई राज्यों के कलाकार प्रस्तुति देंगे। एक तरफ जहां अयोध्या की 12 रामलीलाओं के कलाकारों को मंच मिलेगा तो वहीं सोनभद्र का आदिवासी नृत्य भी अलग छाप छोड़ेगा। आजमगढ़ के मुन्ना लाल व उनकी टीम धोबिया नृत्य, मथुरा के राजेश शर्मा व टीम मयूर नृत्य से मन मोहेगी। झांसी का राई नृत्य भी अयोध्या की पावन धरा पर दर्शकों से मुखातिब होगा तो राम-हनुमान सेना की झांकी से भी दर्शक अवगत होंगे।

अनेक शहरों के कलाकार दिखाएंगे अपनी प्रतिभा

योगी सरकार ने जहां उत्तर प्रदेश के कई कलाकारों और विधाओं को मंच दिया है, वहीं अन्य प्रांतों की संस्कृति को भी अवध की धरती पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया है। केरल के कथकली नृत्य से कुंजीरमन व सिक्किम के सिंधी छम नृत्य से शरद चंद्र सिंह परिचित कराएंगे, जम्मू कश्मीर के मनदीप रूफ नृत्य के जरिए अपने प्रदेश की सांस्कृतिक झलक दिखाएंगे। छत्तीसगढ़ का गैंडी नृत्य,  गुजरात का गरबा, ओडिशा का दाल खाई, कर्नाटक का ढोलू कुनीथा, राजस्थान के कालबेलिया नृत्य से कलाकार भगवान राम के श्रीचरणों में अपनी हाजिरी लगाएंगे।

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यूपी के कई कलाकारों को भी मिलेगा मंच

योगी सरकार अधिक से अधिक कलाकारों को मंचीय प्रतिभा दिखाने का अवसर दे रही है। इसके लिए तैयारी भी हो चुकी है। यहां प्रदेश के लखनऊ, अयोध्या, काशी, मथुरा, प्रयागराज, गोरखपुर, आजमगढ़, भदोही, गोंडा, सोनभद्र, गाजीपुर, बाराबंकी, अंबेडकर नगर, अकबरपुर, सुल्तानपुर, झांसी, बांदा समेत कई भाषाओं व शैलियों से जुड़ी संस्कृति की झलक भी अवध में देखने-सुनने को मिलेगी।

First published on: Nov 08, 2023 04:47 PM

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