Atiq Ahmed-Ashraf Murder Case : माफिया डॉन अतीक अहमद और अशरफ अहमद हत्याकांड में पुलिस की मिलीभगत तो नहीं थी। इस मामले में न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ। जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस मामले में पुलिस का हाथ नहीं था। सिर्फ 9 सेकंड में यह घटना हुई थी, जिसे टालना संभव नहीं था। एजेंसी ने राज्य तंत्र और यूपी पुलिस को क्लीन चिट दे दी। आइए जानते हैं कि जांच रिपोर्ट में क्या-क्या खुलासा हुआ?
इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस दिलीप बाबा साहब भोंसले की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग का गठन हुआ था, जिसमें पांच सदस्य थे। आयोग ने 87 गवाहों के बयान दर्ज किए और वीडियो फुटेज व सीसीटीवी की जांच की। आयोग ने योगी सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस रिपोर्ट को सदन के पटल पर पेश किया गया। इस रिपोर्ट में यूपी पुलिस बेदाग पाई गई।
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जानें जांच रिपोर्ट में क्या हुआ खुलासा?
प्रयागराज में पिछले साल 15 अप्रैल को पुलिस और मीडिया की मौजूदगी में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। न्यायिक आयोग ने जांच में पाया कि सिर्फ 9 सेकंड में यह घटना हुई, ऐसे में पुलिस के पास घटना को टालने का समय नहीं था। जेल से लेकर रिमांड तक अतीक-अशरफ की सुरक्षा में कई पुलिसकर्मी तैनात थे। मीडिया की मौजदूगी से पुलिस के कार्य में बाधा आई।
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पूर्व सुनियोजित थी साजिश
आयोग ने कहा कि मीडिया की उपस्थिति में हमलावरों ने इस घटना को अंजाम दिया, ताकि कुख्याति प्राप्त हो सके। यह पूर्व सुनियोजित साजिश थी। इस घटना से पुलिस को अतीक-अशरफ से मिलने वाली सूचना का नुकसान पहुंचा। इस मामले में यूपी पुलिस और राज्य तंत्र शामिल नहीं था। वहीं, इस मामले में पुलिस ने माफिया मुख्तार अंसारी की पत्नी आफसा अंसारी समेत कुल पांच अपराधियों पर 50,000 का इनाम घोषित किया है।