Atiq Ahmad Gujarat Sabarmati Jail: माफिया अतीक अहमद को प्रयागराज की MP/MLA कोर्ट ने 17 साल पुराने उमेश पाल किडनैपिंग केस में उम्रकैद की सजा दी है। माफिया अतीक को साबरमती जेल में शिफ्ट करने के लिए यूपी पुलिस मंगलवार की शाम साढ़े आठ बजे प्रयागराज से रवाना हो गई है। उसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जून 2019 में साबरमती की सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था।
62 साल के अतीक अहमद को चित्रकूट के रास्ते मध्यप्रदेश, राजस्थान फिर गुजरात ले जाया जाएगा। फिलहाल माफिया की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। प्रयागराज से निकलने से पहले उसका ब्लड प्रेशर बढ़ गया था। उसे पसीना आ रहा था। पुलिस ने डॉक्टरों की सलाह पर उसे दवा खिलाया है। जब अतीक की सेहत कुछ ठीक हुई तो उसे लेकर पुलिस कड़े बंदोबस्त के बीच रवाना हुई।
5 घंटे जेल के बाहर वैन में बैठा रहा अतीक
कोर्ट से सजा होने के बाद अतीक अहमद को फिर से नैनी जेल ले जाया गया, लेकिन वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह ने उसे रिसीव करने से मना कर दिया। उन्होंने यूपी पुलिस से कहा कि उन्हें जेल में अतीक को दोबारा रखने का कोई आदेश नहीं मिला है। ऐसे में अतीक जेल के बाहर खड़ी कैदियों के वैन में करीब 5 घंटे बैठा रहा।
#WATCH उत्तर प्रदेश: गैंगस्टर अतीक अहमद को अपहरण के एक मामले में अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद प्रयागराज की नैनी जेल से अहमदाबाद की साबरमती जेल ले जाया जा रहा है। pic.twitter.com/fTn84pQiJZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 28, 2023
24 घंटे में यूपी पुलिस ने तय किया था सफर
26 मार्च रविवार को यूपी एसटीएफ और प्रयागराज पुलिस गुजरात की साबरमती जेल पहुंची थी। यहां गुजरात पुलिस और सेंट्रल जेल प्रशासन से वार्ता और कागजी कार्यवाही के बाद यूपी एसटीएफ और पुलिस ने अतीक का अपनी अभिरक्षा में लिया। इसके बाद शाम को करीब पौने छह अतीक को वैन में बैठाने के बाद काफिला प्रयागराज के लिए रवाना हुआ।
इन जगहों पर रुका काफिला
गुजरात की साबरमती जेल से रवाना होने के बाद यूपी एसटीएफ का काफिला सबसे पहले ऋषभदेव में रात 9:05 बजे रुके। इसके बाद रात 10:30 बजे उदयपुर में काफिले ने अपना ठहराव किया। यहां से निकलने के बाद देर रात एक बजे चित्तौड़गढ़, रात 2:10 बजे भीलवाड़ा और फिर सोमवार तड़के यानी (रविवार-सोमवार रात) 3:26 बजे कोटा के पास काफिला रुका।
यह भी पढ़ें: Umesh Pal Case: किडनैप मामले में अतीक को उम्रकैद; उमेश पाल की मां-पत्नी ने कहा- हत्या के केस में फांसी हो
यहां से चलने के बाद यूपी एसटीएफ का काफिला मध्य प्रदेश के शिवपुरी रामनगर में रुका, जहां अतीक अहमद ने मीडिया से बातचीत की। यहां से चलने के बाद काफिला झांसी पुलिस लाइन पहुंचा। यहां एसटीएफ और पुलिस की पूरी टीम ने करीब दो घंटे तक आराम किया। इसके बाद यहां से रवाना हुआ काफिला सीधे नैनी जेल में जाकर रुका।
17 साल पुराने केस में हुई सजा
अतीक अहमद ने वर्ष 1979 में एक हत्या करने के बाद अपराध की दुनिया में कदम रखा था। अब उसके खिलाफ 100 से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। ताजा मामला 24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड का है। वर्ष 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी।
अतीक अहमद कथित तौर पर वर्ष 2005 में हुई राजू पाल की हत्या में शामिल था। अतीक और उसके सहयोगियों ने कथित तौर पर 2006 में उमेश पाल का अपहरण किया। उसे अपने पक्ष में कोर्ट में बयान देने के लिए मजबूर किया गया। बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी, तब से मामला कोर्ट में चल रहा था।
और पढ़िए – प्रदेश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें