Sambhal Jama Masjid News : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित शाही जामा मस्जिद के सर्वे मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने सोमवार को मुस्लिम पक्ष की रिव्यू अर्जी को खारिज कर दिया और निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए निचली अदालत द्वारा जारी आदेश को बरकरार रखा। मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी गई। अदालत ने निचली अदालत के आदेश में कोई मुद्दा नहीं पाया। हाई कोर्ट के इस फैसले से साफ हो गया कि संभल की जिला अदालत में सर्वे का मुकदमा आगे चलेगा।
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Allahabad High Court upholds survey order of Shahi Jama Masjid in Sambhal issued by trial court. The Muslim side’s petition was rejected. The court found no issues with the Trial Court order. pic.twitter.com/OzVTSfHpoC
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) May 19, 2025
हाई कोर्ट ने 13 मई को फैसला रखा था सुरक्षित
जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने मुस्लिम पक्ष की दलीलें नामंजूर करते हुए यह फैसला सुनाया। मस्जिद कमेटी की सिविल रिवीजन पिटीशन पर बहस पूरी होने के बाद हाई कोर्ट ने 13 मई को फैसला सुरक्षित रखा था। मस्जिद कमेटी ने संभल की जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद पर सिविल रिवीजन याचिका दाखिल की थी। मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में मुकदमे की पोषणीयता को चुनौती दी थी। उन्होंने 19 नवंबर 2024 के सिविल कोर्ट के फैसले को चैलेंज किया था।
अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने क्या कहा?
इसे लेकर गाजियाबाद में अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने कहा कि कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी और कहा कि सर्वेक्षण सही था। जो भी सर्वेक्षण हुआ है, उसे पढ़कर रिकॉर्ड का हिस्सा बनाया जाएगा। अगर वे (मुस्लिम पक्ष) सुप्रीम कोर्ट जाते हैं तो हम उनका स्वागत करने के लिए तैयार हैं।
क्या है मामला?
संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। हिंदू पक्ष की मांग थी कि यहां पर ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर सर्वे कराया जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके। हाई कोर्ट के इस फैसले को अब सर्वे की इजाजत के रूप में देखा जा रहा है।
राजनीतिक हलचल तेज
इस फैसले के बाद प्रदेश में राजनीतिक और धार्मिक संगठनों की प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है और संभल जिले में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कोर्ट ने कहा कि धार्मिक स्थलों के विवादों में न्यायिक प्रक्रिया के तहत पारदर्शिता और संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। इलाहाबाद हाई कोर्ट का यह फैसला संभल मस्जिद विवाद में निर्णायक माना जा रहा है।
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