Allahabad High Court Decision: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली महिलाओं द्वारा रेप के मुकदमे दर्ज कराने की घटनाओं को लेकर बड़ी टिप्पणी (Allahabad High Court Decision) की है। हाईकोर्ट ने कहा है कि ऐसे यौन अपराधों (लिव इन रिलेशनशिप) के मामले अब एक अपवाद हो गए हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह कहा था कि कानून से सुरक्षा की बात आती है तो लड़कियों/महिलाओं के पास लड़कों या पुरुषों को फंसाने के लिए ये एक बड़ा हथियार है।
लड़कियां-महिलाएं उठा रहीं लाफ
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अदालतों में बड़ी संख्या में ऐसे मामले आ रहे हैं, जिनमें लड़कियां और महिलाएं आरोपी के साथ लंबे समय तक शारीरिक संबंध (रिलेशनशिप) बनाने के बाद झूठे आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराकर अनुचित लाभ उठाती हैं। हाईकोर्ट ने कहा है कि समय आ गया है, अदालतों को ऐसे जमानत आवेदनों पर विचार करते समय बहुत सतर्क रहना चाहिए। कानून पुरुषों के प्रति बहुत पक्षपाती है। एफआईआर में कोई भी बेबुनियाद आरोप लगाना और किसी को भी ऐसे आरोपों में फंसाना बहुत आसान है।
यह भी पढ़ेंः ‘कोई भी बच्चा लिव-इन में नहीं रह सकता’, इलाहाबाद HC ने क्यों सुनाया ऐसा फैसला
कोर्ट ने सोशल मीडिया पर भी की टिप्पणी
इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी कहा कि ओपन कल्चर सोशल मीडिया, फिल्मों, टीवी शो आदि द्वारा बड़े पैमाने पर फैल रहा है, जिसको लेकर किशोर/युवा लड़के और लड़कियां आकर्षित हो रहे हैं। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि जब उनके आचरण पर बात आती है तो लड़की के परिवारवाले भारतीय सामाजिक और पारिवारिक मानदंडों की दुहाई देकर सम्मान की रक्षा करने की बात करते हैं। इसके बाद दुर्भावनापूर्ण रूप से झूठी एफआईआर दर्ज की जा रही हैं।
आरोपी पर लगे ये भी आरोप
लाइवलॉ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ये टिप्पणी एकल न्यायाधीश की ओर से एक आरोपी को जमानत देते समय की गईं, जिस पर एक नाबालिग से शादी करने का झूठा वादा करके उसके साथ यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया है। उसके खिलाफ यह भी आरोप था कि उसने उसे किशोरी को अपने चचेरे भाई के साथ भी शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। जब उसने विरोध किया तो आरोपी और उसके चचेरे भाई ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और पीटा।
कोर्ट में आरोपी के वकील ने दिए ये तर्क
दूसरी ओर, आरोपी के वकील ने तर्क दिया कि कथित पीड़िता बालिग है और उसका आरोपी (जमानत आवेदक) के साथ पिछले एक साल से संबंध था। उसने स्वेच्छा से अपना घर छोड़ दिया और आरोपी की चाची के घर चली गई। वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि सहमति से उसके क्लाइंट के साथ शारीरिक संबंध थे।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि इसके बाद, उन्होंने किसी तरह शादी कर ली, लेकिन बाद में उसे उसकी इच्छा के विरुद्ध उसके माता-पिता ले गए। जब दोनों के परिवार के सदस्यों के बीच विवाद हुआ, तो पीड़िता ने जमानत आवेदक से नाता तोड़ लिया और एफआईआर दर्ज करा दी।