उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को योगी सरकार पर बिजली, व्यापार और रोजगार जैसे प्रमुख मुद्दों से ध्यान हटाकर धर्म पर ध्यान केंद्रित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि योगी होने का मतलब विचारों और काम से है, न कि वेशभूषा से।
‘बुनियादी सवाल न पूछे जाएं, इसलिए धार्मिक सवाल उठाए जाते हैं’
पत्रकारों से बात करते हुए अखिलेश ने कहा, ‘इस राज्य में बुनियादी समस्याएं बिजली, व्यापार, नौकरी और रोजगार हैं। इस सरकार की मंशा है कि बुनियादी सवाल न पूछे जाएं, इसलिए धार्मिक सवाल उठाए जाते हैं। कोई व्यक्ति अपने कपड़ों से नहीं बल्कि अपने विचारों और काम से योगी बनता है।’ इससे पहले शनिवार को यादव ने कहा था कि आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति सबसे खराब है।
‘उत्तर प्रदेश को देखने वाला कोई नहीं’
लखनऊ में एक इफ्तार पार्टी में भाग लेने के बाद मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश को देखने वाला कोई नहीं है। समाजवादी पार्टी प्रमुख ने कहा, ‘चाहे प्रयागराज हो या राज्य का कोई और जिला, सरकार इसे स्वीकार नहीं करेगी, लेकिन सरकारी आंकड़े बताते हैं कि सबसे खराब कानून और व्यवस्था की स्थिति उत्तर प्रदेश में है। उत्तर प्रदेश को देखने वाला कोई नहीं है।’
‘पिछले 8 साल कन्नौज के विकास के लिए हानिकारक’
उन्होंने बुधवार को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि पिछले 8 साल कन्नौज के विकास के लिए हानिकारक रहे हैं। अखिलेश यादव ने भ्रष्टाचार से निपटने के सरकार के तरीके की आलोचना की थी। उन्होंने एक उदाहरण का हवाला देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस को अपने ही एक आईएएस अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी पड़ी।
अखिलेश की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने सत्ता में 8 साल पूरे कर लिए हैं। यादव ने कहा, ‘बीते 8 सालों ने कन्नौज को विकास से दूर कर दिया है। जब उनके (भाजपा के) 8 साल पूरे हुए तो उत्तर प्रदेश पुलिस को खुद अपने ही एक आईएएस अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी पड़ी।’ उन्होंने सरकार की पारदर्शिता पर भी सवाल हुए कहा कि यह पहला प्रशासन है, जहां विधायक खुलेआम बदलाव की मांग कर रहे हैं।