Agra Mubarak Manzil Demolition News: यूपी का आगरा दुनिया के सातवें अजूबे के लिए मशहूर है। ताजनगरी की खूबसूरती ताजमहल से है। वहीं ताज परिसर में और भी खूबसूरत इमारतें मौजूद हैं। मगर बीते दिन आगरा से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई। ताज परिसर में मौजूद मुबारक मंजिल का एक हिस्सा गिरा दिया गया है। स्थानीय लोगों ने इसके खिलाफ आवाज बुलंद की। तब जाकर प्रशासन की नींद खुली और इसके खिलाफ एक्शन लिया गया।
17वीं शताब्दी में बनी थी इमारत
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मुबारक मंजिल का निर्माण 17वीं शताब्दी में मुगल बादशाह औरंगजेब ने करवाया था। सामोगढ़ की लड़ाई में जीत हासिल करने के बाद मुबारक मंजिल बनवाई गई थी। ब्रिटिश काल के दौरान इसमें नमक का दफ्तर बनाया गया। ब्रिटिश हुकूमत कस्टम हाउस और माल डिपो की तरह इस इमारत का इस्तेमाल करती थी। 1817 में इमारत की 2 अन्य मंजिलें बनवाई गईं।
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सरंक्षित इमारत घोषित
खबरों के अनुसार वर्तमान में इस जमीन का स्वामित्व अमित खंडेलवाल के पास था और उन्होंने इस जमीन को बिल्डर विकास जैन को बेच दिया था। अब विकास जैन पर आरोप है कि वो इस इमारत को धवस्त कर रहा है। यह मामला तब सामने आया है जब ठीक 3 महीने पहले राज्य पुरातत्व विभाग ने इस स्मारक को सरंक्षित घोषित करने की अधिसूचना जारी की थी।। यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मुबारक मंजिल को 30 सितंबर 2024 को सरंक्षित इमारत बनाने की अधिसूचना जारी की थी।
— Sakshi (@sakkshiofficial) January 5, 2025
तोड़फोड़ पर लगी रोक
गौरतलब है कि मुबारक मंजिल को औरंगजेब की हवेली भी कहा जाता है, जो 0.634 हैक्टेयर में फैली है। इस इमारत के पूर्व में यमुना नदी मौजूद है। लगभग 15 दिन पहले राज्य पुरातत्व विभाग की टीम ने भी मुबारक मंजिल का दौरा किया था। उस दौरान इमारत के 1500 गज वाले हिस्से को ध्वस्त किया जा रहा था। टीम के दौरे के बाद यह मामला अचानक चर्चा में आ गया। 3-4 पहले विभाग ने मुबारक मंजिल में हर तरह की तोड़फोड़ पर रोक लगा दी थी।
आगरा में अवैध रूप से गिरायी गयी ऐतिहासिक धरोहर के मामले में हमारी संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्त्व विभाग से निम्नलिखित माँगें हैं:
1. सभी दोषियों के विरुध्द मामला दर्ज़ कराएं और वैधानिक रूप से दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करे।
2. प्रशासनिक स्तर पर जो लापरवाही हुई है,… pic.twitter.com/5czv6ibxF5— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 4, 2025
जांच कमेटी का गठन
इस मामले की जानकारी आगरा के जिलाधिकारी अरविंद मल्लपा बंगारी को दी गई है। फिलहाल उन्होंने कोई भी बयान देने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि मामले की तफतीश करने के लिए जांच कमेटी बनाई गई है। जांच कमेटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद ही कुछ कहा जाएगा।
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