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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

बनारसी साड़ी से चिकनकारी तक, दुनिया देखेगी उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर

उत्तर प्रदेश की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और शिल्पकला अब वैश्विक मंच पर नई पहचान बनाने जा रही है. भारत स्काउट्स एवं गाइड्स के 19वें राष्ट्रीय जंबूरी में इस वर्ष पहली बार बड़े पैमाने पर एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के प्रोडक्ट प्रदर्शित किए जाएंगे.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : News24 हिंदी Updated: Nov 19, 2025 21:07

उत्तर प्रदेश छह दशक बाद इस प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी कर रहा है, जिसमें 23 से 29 नवंबर तक लाखों प्रतिभागियों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों का स्वागत राजधानी लखनऊ करेगी. योगी सरकार के मार्गदर्शन में आयोजित इस जंबूरी में उत्तर प्रदेश के शिल्पकारों और स्थानीय उत्पादों को विशेष रूप से प्रदर्शित किया जाएगा. बनारसी और रेशम की साड़ियां, चंदौली की जरी-जरदोजी, लखनऊ की चिकनकारी, आगरा का पेठा, गाजीपुर की जूट वॉल हैंगिंग्स, जौनपुर के ऊनी कारपेट इन सभी को समर्पित ओडीओपी पवेलियन में विशेष स्थान दिया गया है. यह पवेलियन न केवल उत्पादों की सुंदरता को दर्शाएगा बल्कि इनके पीछे काम करने वाले शिल्पकारों की मेहनत और कौशल को भी दुनिया के सामने प्रस्तुत करेगा.

राष्ट्रीय जंबूरी जैसा बड़ा अंतरराष्ट्रीय मंच उत्तर प्रदेश के लिए बहुआयामी आर्थिक अवसर लेकर आया है. हजारों प्रतिभागियों और विदेशी प्रतिनिधियों की उपस्थिति से स्थानीय उद्योगों, पारंपरिक कलाओं और शिल्पकारों को व्यापक बाजार और नई पहचान मिलेगी. ओडीओपी उत्पादों का ऐसा वैश्विक प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय खरीदारों तक पहुंच बनाने का एक सशक्त माध्यम है, जिससे मांग बढ़ेगी और प्रदेश के कारीगरों को नए आर्थिक अवसर प्राप्त होंगे. यह प्रयास राज्य में रोजगार सृजन और निवेश आकर्षित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

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असिस्टेंट रीजनल ऑर्गनाइजेशन कमिश्नर जयप्रकाश दक्ष ने बताया कि विश्वभर से आए स्काउट्स, गाइड्स और प्रतिनिधि इन कारीगरों के कौशल को नजदीक से समझ सकेंगे. यह अवसर न केवल युवा प्रतिभागियों को प्रेरित करेगा बल्कि उन्हें भारत की सांस्कृतिक विरासत की गहराई से भी परिचित कराएगा. वहीं लीडर ट्रेनर स्काउट अमिताभ पाठक ने कहा कि यह मंच उत्तर प्रदेश के ओडीओपी उत्पादों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. इससे न केवल शिल्पकारों को सम्मान मिलेगा बल्कि उनकी कृतियों की अंतरराष्ट्रीय मांग भी बढ़ेगी.

जंबूरी में भारत की सांस्कृतिक विविधता का जीवंत प्रदर्शन खान पान, परिधान और लोक कलाओं के माध्यम से भी होगा. पूड़ी–कचौरी, जलेबी, बनारसी पान, चाट और क्षेत्रीय मिठाइयां जैसे पारंपरिक व्यंजन प्रतिभागियों को उत्तर प्रदेश के स्वाद से रूबरू कराएंगे. विविध लोककलाओं, पारंपरिक परिधानों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से प्रतिभागी देश की सांस्कृतिक विरासत का जीवंत अनुभव करेंगे.

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“सशक्त युवा विकसित भारत” की थीम पर आधारित यह जंबूरी 32,000 से अधिक प्रतिभागियों की मेजबानी करेगी, जिनमें एशिया प्रशांत क्षेत्र के लगभग 2,000 प्रतिनिधि शामिल हैं. यह आयोजन न केवल युवाओं की ऊर्जा, रचनात्मकता और नेतृत्व क्षमता का उत्सव है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक समृद्धि को वैश्विक दर्शकों के सामने प्रस्तुत करने का अवसर भी है.

जंबूरी के माध्यम से उत्तर प्रदेश की कला, व्यंजन, विरासत और लोक संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी. इस आयोजन से पर्यटन, निवेश और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को नई गति मिलने की संभावना है. अंततः यह वैश्विक मंच उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और आर्थिक उपस्थिति को दुनिया में मजबूत करेगा और राज्य की दीर्घकालिक प्रगति के नए द्वार खोलेगा.

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First published on: Nov 19, 2025 09:07 PM

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