Udaipur: स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल गुरुवार को उदयपुर पहुंचे। यहां 180 करोड़ की लागत के सीवेज प्रोजेक्ट की आधारशिला रखने को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस दौरान आयोजित सभा को संबोधित करते हुए धारीवाल ने कहा कि हर कार्य की माॅनिटरिंग जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन में जयपुर पिछड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यहां 6-6 विधायक और 3-3 मंत्री है। ये ही सबसे बड़ी समस्या है।
राज्यपाल कटारिया बोले- उदयपुर को नंबर 1 बनाने में मदद कीजिए
कार्यक्रम में असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया भी शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश में नंबर वन का शहर उदयपुर टूरिस्ट पॉइंट की दृष्टि में बने इसके लिए हमारी भी मदद कीजिए इस शहर के लिए। ऐसा होगा तो उदयपुर से राजस्थान की इकॉनोमी पर बहुत फर्क पड़ेगा।
मैं वहीं का हूं लेकिन कुछ नहीं कर सका
धारीवाल ने आगे कहा कि प्रदेश में स्मार्ट सिटी मिशन में चार शहर कोटा, अजमेर, जयपुर व उदयपुर लिए गए है। लेकिन सबसे कम काम जयपुर में हुआ है। उन्होंने बेबसी अपनी जाहिर करते हुए कहा कि मैं वहीं का हूं लेकिन मैं कुछ नहीं कर सका। धारीवाल ने आगे कहा कि जयपुर में इन मंत्री और विधायकों के जो आपसी विवाद होते हैं इसलिए काम अटक जाते है। कोई कहता है यह योजना लाओ, वो कहता है यह योजना लाओ, इसको बदलो, इसका करो, उसी में मामला उलझ जाता है।
फैसला करने वाला एक हो तो समय पर पूरा होता है काम
बता दें कि उदयपुर में अमृत 2.0 के फेज प्रथम के तहत 180.53 करोड़ की लागत से नया सीवरेज सिस्टम विकसित होगा। यह कार्य 11 मई 2025 तक पूरा होगा। योजना के तहत शहर के 14 वार्डों में सीवरेज लाइन डाली जाएगी। उन्होंने कहा कि फैसला करने वाला एक व्यक्ति हो और उसका आदेश चलता हो तो निश्चित तौर पर वह काम भी समय पर पूरा होता है।
समन्वय की कमी से यह समस्या होती है
धारीवाल ने आगे कहा कि कई बार आपस में समन्वय का अभाव नहीं होने की वजह से यह समस्या होती है। जयपुर ही नहीं जहां-जहां समन्वय नहीं होगा वहां पर योजनाएं पिछडे़गी। जयपुर इसलिए पिछड़ रहा है कि कोई बात को बैठकर तय नहीं किया जाता। इसका मुझे दुःख होता है।