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राजस्थान

Transgender Day of Remembrance: धौलपुर में मनाया गया ट्रांसजेंडर्स दिवस, जानें इसके बारे में?

Transgender Day of Remembrance: राजस्थान के धौलपुर जिले में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के तत्वाधान में रविवार 20 नवंबर को ट्रांसजेंडर दिवस मनाया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि जिला विधिक प्राधिकरण की सचिव सुनीता मीणा ने उपस्थित ट्रांसजेंडरों को ‘ट्रांसजेंडर दिवस’ की बधाई दी। बता दें इस मौके पर सुनीता मीणा ने उपस्थित […]

Author Edited By : Nirmal Pareek Updated: Nov 20, 2022 19:49
Transgenders Day celebrated in Dholpur
धौलपुर में मनाया गया ट्रांसजेंडर्स दिवस

Transgender Day of Remembrance: राजस्थान के धौलपुर जिले में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के तत्वाधान में रविवार 20 नवंबर को ट्रांसजेंडर दिवस मनाया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि जिला विधिक प्राधिकरण की सचिव सुनीता मीणा ने उपस्थित ट्रांसजेंडरों को ‘ट्रांसजेंडर दिवस’ की बधाई दी।

बता दें इस मौके पर सुनीता मीणा ने उपस्थित ट्रांसजेंडरों को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी प्रदान की। इस मौके पर राजस्थान की प्रथम किन्नर पार्षद शोभा बाई ने ट्रांसजेंडर दिवस के अवसर पर देश के सभी ट्रांसजेंडर्स को बधाई दी। इस अवसर पर सामाजिक अधिकारिता विभाग के निदेशक शेखावत एवं कई ट्रांसजेंडर्स उपस्थित थे।

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इस दिवस को मनाने का उद्देश्य

इस दिन को मनाने का उद्देश्य है कि ट्रांसजेंडर समुदाय के साथ दशकों तक हुई हिंसा और इस हिंसा में जान गंवाने वालों को याद किया जा सके। अमेरिका समेत दुनिया के कई और देशों में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग इस दिन एकत्रित होते हैं और सम्मान और गरिमा के साथ जीवन जीने का संकल्प लेते हैं।

किसकी याद में मनाया जाता है ये दिवस?

ट्रांसजेंडर रिमेम्ब्रेंस डे इस समुदाय के अधिकारों के लिए हिंसा झेलने और अपनी जान की कुर्बानी देने वालों की स्मृति में दुनिया भर में हर साल 20 नवंबर को मनाया जाता है। वर्ष 1999 में इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई थी। ट्रांसजेंडर रीटा हेस्टर की हत्या 1998 में मैसाचुसेट्स में हुई थी। रीटा अमेरिकन-अफ्रीकन महिला थीं और वह ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की मुखर आवाज थीं।

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भारत में ट्रांसजेंडर्स की संख्या

भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार ट्रांसजेंडर की संख्या 4,87,803 है। ये लोग खुद को ‘पुरुष’ या ‘महिला’ के तौर पर नहीं बल्कि ‘अन्य’ के तौर पर आइडेंटिफाई करते हैं। वहीं इनको लेकर भारत का संविधान कहता है कि सभी नागरिक समान हैं। लिंग, जाति, धर्म, नस्ल, रंग रूप के आधार पर किसी से कोई भेदभाव नही किया जा सकता है। इसके अलावा ट्रांसजेंडर एक्ट 2020 कहता है कि सरकारी और प्राइवेट सभी तरह के जगहों पर ट्रांसजेंडर नागरिकों को भी समान अवसर उपलब्ध होंगे।

First published on: Nov 20, 2022 07:49 PM

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