Reservation: राजस्थान के भरतपुर में आरक्षण की मांग को लेकर पिछले 36 घंटे से जयपुर-आगरा हाईवे जाम है। फुले आरक्षण समिति के नेतृत्व में माली, सैनी, कुशवाह, शाक्य, मौर्य और काछी समाज के लोगों ने 12 फीसदी आरक्षण देने की मांग को लेकर नेशनल हाईवे 21 जाम कर दिया। आंदोलनस्थल पर भारी मात्रा में पुलिस बल की तैनाती की गई है।
आंदोलनकारियों ने नेशनल हाईवे पर टेंट गाड़ दिए हैं। रविवार को बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे हाथों में लाठियां लेकर पहुंचे। इधर संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने आज रात 12 बजे तक इंटरनेट बंद कर दिया है।
नेटबंदी ने बढ़ाई लोगों की परेशानी
इधर प्रशासन हाईवे जाम को देखते हुए वाहनों को भरतपुर होते हुए निकाला जा रहा है। वहीं आगरा से जयपुर जाने वाले वाहनों को उज्जैन तिराहे से डेहरा मोड़ तक डायवर्ट किया गया है। जबकि भारी वाहनों को तिराहे पर रोक दिया गया है। उधर प्रशासन की नेटबंदी से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नदबई, वैर और भुसावर में नेटबंदी कर दी गई है।
हाईवे जाम करने वालों के खिलाफ दर्ज किया जाएगा मामला
भरतपुर पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने बताया कि समाज के लोग आरक्षण की मांग के लिए हाईवे पर बैठे हैं। जयपुर आने-जाने वाहनों को डायवर्ट कर यातायात को सुचारू किया गया है। नेशनल हाईवे जाम करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। अगर कोई हिंसा जैसी घटना होती है तो पुलिस कार्रवाई करेगी।
ये हैं प्रमुख मांगें
1.फुले आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी को छोड़ा जाए।
2.एडवाइजरी बोर्ड की बजाय लवकुश बोर्ड गठित किया जाए।
3.समाज के लिए अलग से 12 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की जाए।
4.रोहिणी कमीशन के जरिए समाज का सर्वे करवाया जाए।
पहले दौर की वार्ता में नहीं बनी सहमति
इससे पहले फुले आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से शनिवार को प्रशासन ने संभागीय आयुक्त कार्यालय में बातचीत की थी। हालांकि बातचीत बेनतीजा रही। बता दें गुरुवार 20 अप्रैल को मुरारी लाल सैनी ने चक्काजाम की घोषणा की थी, जिसके बाद भरतपुर पुलिस ने सैनी समेत 6 लोगों को गोवर्धन से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद शुक्रवार 21 अप्रैल से आंदोलन भड़क गया और समाज के लोग हाईवे पर आकर बैठ गए।