Rajasthan Politics: देश में लोकसभा चुनाव से पहले पक्ष और विपक्ष दोनों ही अपने-अपने गठबंधनों को मूर्त रूप देने में जुटे हैं। एक तरफ जहां विपक्ष के 26 दलों वाले गठबंधन इंडिया ने बेंगलुरु में बैठक की। वहीं एनडीए ने दिल्ली मंे 38 दलों के साथ बैठक की। इन सबके बीच बीसएपी प्रमुख सुश्री मायावती की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उन्होंने कहा कि हम किसी भी गठबंधन का हिस्सा बने बगैर राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना में अपने दम चुनाव मैदान में उतरेगी।
बीजेपी-कांग्रेस की सोच एक जैसी
मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव बेहद नजदीक है। सत्ताधारी और विपक्षी गठबंधन की बैठकों का दौर चल रहा है, हालांकि इन सबके बीच हमारी पार्टी भी पीछे नहीं है। एक तरफ सत्ता पक्ष एनडीए अपनी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की दलीलें दे रही है तो दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन सत्ताधारी को मात देने के लिए कार्य कर रही है और इसमें बीएसपी भी पीछे नहीं है। मायावती ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस की सोच हमेशा से एक जैसी रही है। यहीं कारण हमनें इनसे दूरी बनाई है।
क्षेत्रीय दलों के साथ करेंगे गठबंधन
बीएसपी चीफ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपनी जैसी सोच रखने वाली पार्टी के साथ गठबंधन करके फिर से सत्ता में आने की सोच रख रही है। लेकिन इनकी कार्यशैली बताती है कि इनकी नीति और सोच लगभग एक जैसी ही रही है। बसपा प्रमुख ने कहा कि हम राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे और हरियाणा पंजाब में हम राज्य के क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन करेंगे।
कांग्रेस और बीजेपी की कथनी-करनी में ज्यादा अंतर नहीं
उन्होंने कहा, बीजेपी फिर से केंद्र में सरकार बनाने का दावा ठोक रही है, लेकिन इसकी कथनी और करनी में कांग्रेस से कोई ज्यादा अलग नहीं है। जबकि जनता से किए गए इनके वादे में अधिकांश खोखले साबित हुए हैं। वैसे भी कांग्रेस और बीजेपी, दोनों के बने गठबंधन की और अब तक के सरकारों की कार्यशैली यही बताती है कि इनकी नीति, नीयत और सोच सभी के लिए एक जैसी नहीं रही है।