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Rajasthan news: एक-एक बूंद के लिए जंग, 40 डिग्री की गर्मी में भी नहीं मिलता पीने का पानी

जोधपुर से लोकेश व्यास की रिपोर्टः जोधपुर में अब भीतरी शहर हो या फिर बाहरी इलाका भीषण गर्मी में जीवित रहने के लिए लोग पानी की एक-एक बूंद को तरस रहे हैं। पानी लेने का जतन इतना कि बूढे, बच्चे, महिलाएं और युवा पानी के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे हैं। तो आइए लेकर […]

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Apr 23, 2023 11:18
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Rajasthan News

जोधपुर से लोकेश व्यास की रिपोर्टः जोधपुर में अब भीतरी शहर हो या फिर बाहरी इलाका भीषण गर्मी में जीवित रहने के लिए लोग पानी की एक-एक बूंद को तरस रहे हैं। पानी लेने का जतन इतना कि बूढे, बच्चे, महिलाएं और युवा पानी के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे हैं। तो आइए लेकर चलते हैं आपको जोधपुर और दिखाते हैं पानी के संघर्ष की यह कहानी।

जोधपुर शहर में एक तरफ गर्मी का सितम तो दूसरी ओर पानी लाने के लिए जंग। कभी सिर पर तो कभी साइकिल पर पानी ढोते लोग। एक-एक बूंद पानी का संघर्ष। अब इन लोगों की भीड़ देखिए किसी के हाथ में बाल्टी तो किसी के हाथ में घड़ा तो किसी के हाथ में पानी का ढोल।

गर्मियों में शुरू हो जाती है पानी की किल्लत

कोई सिर पर पानी ले जा रहा है तो कोई अपनी साइकिल पर पानी ले जा रहा है। महिलाएं घूंघट में तो बच्चे सिर पर पानी ले जा रहे हैं । पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर शहर का हाल इन दिनों कुछ ऐसा ही है। गर्मियों की शुरुआत के साथ ही शहर में पानी की किल्लत शुरू हो जाती है और उसके बाद में शुरू होता है यह संघर्ष। जिन बच्चों के हाथ में पेन और पेंसिल होनी चाहिए वे बच्चे आज पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं और अपने परिवार की मदद के लिए पानी ला रहे हैं।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री शेखावत जोधपुर से हैं सांसद

पथरीले रास्तों के बीच कभी सिर पर तो कभी साइकिल पर यह लोग पानी की आवश्यकता को पूरा करते हैं। कहने को तो राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस की कई बार सरकार आई और गई। जोधपुर मुख्य्मंत्री अशोक गहलोत का गृहनगर भी है । वहीं केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत भी जोधपुर से आते हैं मगर कोई भी जनप्रतिनिधि या सरकार इन लोगों की प्यास नहीं बुझा सका।

बाहरी क्षेत्र में भी पानी की किल्लत

सबसे पहले जोधपुर के बाहरी इलाकों की बात करे तो जोधपुर शहर का कुड़ी भगतासनी मगजी घाटी चोखा ओर घोड़ा घाटी सहित ऐसे कई बाहरी इलाके हैं जहां लोगों को पानी की किल्लत से जुझना पड़ रहा है। जिसमें से मगजी घाटी में 5 हजार से ज्यादा रहवासीय मकान होने के बाद भी पानी कनेक्शन नहीं है और इन्हें मजबूरन या तो पानी का टैंकर लाना पड़ता है या फिर कोसो दूर जाकर हेण्डपम्प से। बस पानी से प्यास बुझ जाए पथरीले कच्चे रास्ते से निकल कर एक बाल्टी पानी मिल जाये।

कनेक्शन होने के बावजुद नहीं आता पानी

जोधपुर शहर के बाहरी इलाके की बात तो छोड़िए शहर के भीतरी क्षेत्र में भी महिलाओं को पानी के लिए कुओं पर आकर पानी लाना पड़ता है। यहां कुएं से पानी ले जाती बुजुर्ग महिलाएं शहर के अंदर नव चौकियां क्षेत्र की है जो सुबह-सुबह पानी कुएं से लेने आई है क्योंकि इनके घर पानी का कनेक्शन तो है पर पानी का प्रेशर नहीं आता। जिसे इनके घरों तक पानी नहीं पहुंचता है और किसी की बहू अगर मॉर्डन जमाने की है तो यहां बुजुर्ग सास को कुएं से पानी लाने के लिए आना पड़ता है।

पानी का यह संघर्ष जोधपुर शहर ही नहीं आसपास के गांवों में भी चल रहा हैं। जलदाय विभाग के आला अधिकारी अपने आलाप कुछ और ही गा रहे है और इन सच्चाई से पल्ला जाड़ रहे है अब देखना होगा कि सरकार कब तक लोगों की प्यास को बुझा पाएगी।

First published on: Apr 23, 2023 11:18 AM

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