Rajasthan News: सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि किस राज्य में पेपर आउट नहीं हो रहे हैं? हमने इस मामले में कानून बनाया और पेपर आउट करने वालों को जेल भेज रहे हैं। हमने 200 लोगों को जेल भेज दिया।
उन्होंने कहा कि आजकल एक मांग की जा रही है कि पेपर आउट के कारण प्रभावित युवाओं को मुआवजा मिलना चाहिए। इसको आप क्या कहेंगे। इसे बुद्धि का दिवालियापन नहीं कहेंगे? सीएम ने कहा कि वसुंधरा को कोई समझा सकता है क्या? पता नहीं किस माटी की बनी हुई है?
माना जा रहा है कि सीएम ने ये बयान पायलट के अल्टीमेटम वाले बयान को निशाना साधते हुए दिया है। इससे यह साफ है कि आने वाले दिनों में पायलट और गहलोत गुट के सियासी टकराव और ज्यादा देखने को मिलेगा।
सभी राज्यों में आउट हो रहे हैं पेपर
सीएम शुक्रवार को जयपुर के सिंधीकैंप बस अड्डे के नए टर्मिनल के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि दुनिया के इतिहास मे किसी ने कभी मांग की है क्या कि पेपर आउट हो गए और जो बच्चे पढ़ाई कर रहे थे, एग्जाम नहीं दे पाए हैं, उनको मुआवजा दो। दे सकती है क्या सरकार।
आप बताइए, ऐसी मांगे भी की जाती हैं। गुजरात में 15 और मध्यप्रदेश में 22 इसके अलावा बिहार, तेलंगाना में भी पेपर आउट हुए हैं। कहा पेपर आउट नहीं हो रहे हैं।
वसुंधरा को कोई समझा सकता है क्या?
इस दौरान सीएम गहलोत ने पूर्व सीएम वसुंधरा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वसुंधरा को कोई समझा सकता है क्या? पता नहीं किस माटी की बनी हुई है? पता नहीं क्या-क्या बोलती हैं। जोधपुर में मल्टीलेवल ओवरब्रिज बना तो उन्हाेंने कहा कि इसे तोड़ दीजिए। वहां के इंजीनियर भाग कर आए और उन्हें बताया कि अब पिलर खड़े हो गए। अब पिलर टूट नहीं सकते।
जयपुर में मेट्रो शुरू हुई तो उन्होंने कहा कि इसे बंद कर दीजिए। ये घाटे में चल रही है। दुनिया भर में मेट्रो और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विसेज घाटे में है। सरकार की जिम्मेदारी है कि जनता को सुविधा दें। जनता को दी जाने वाली सुविधाओं में घाटा-नफा नहीं देखा जाता है।