Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में चुनाव से पहले कांग्रेस अपनी कमजोरियों को दूर करने में जुटी है। पार्टी आलकमान सचिन पायलट को नेशनल पाॅलिटिक्स में सक्रिय करने पर विचार कर रहा है। जिससे राजस्थान कांग्रेस में चल रही उठापटक को कम किया जा सकें। सूत्रों की मानें तो पायलट को खड़गे की टीम में शामिल कर उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया जा सकता है।
बनाया जा सकता है किसी राज्य का प्रभारी
खड़गे की टीम में नियुक्त होने के बाद उन्हें किसी राज्य का प्रभारी बनाया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो पायलट ने भी इस पद के लिए हामी भर दी है। पिछले दिनों दिल्ली स्थित मुख्यालय में हुई मीटिंग में राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव से पहले सेनापति नहीं बदला जा सकता। यानि अब यह साफ हो चुका है कि कांग्रेस इस बार का विधानसभा चुनाव सीएम अशोक गहलोत के नेतृत्व में ही लड़ेगी। यानि सीएम गहलोत कांग्रेस अघोषित चेहरा होंगे।
राजस्थान में ही पद चाहते हैं पायलट
हालांकि पीटीआई को दिए इंटरव्यू में सचिन पायलट ने कहा था कि वे राजस्थान के बाहर अपनी किसी भूमिका को स्वीकार नहीं करेंगे। राजस्थान की जनता से उन्हें बहुत सम्मान दिया है। वे पद की चाह रखते हैं तो राजस्थान में ही। इसके अलावा उन्होंने सीएम फेस को लेकर कहा था कि कांग्रेस का शुरूआत से यह कल्चर रहा है कि चुनाव में जीत के बाद ही सीएम को लेकर फैसला होता है। ऐसे में दोनों ही बातों को लेकर फिलहाल विरोधाभास की स्थिति है। अब इंतजार है खड़गे की नई टीम का उसके बाद कुछ कह पाना संभव होगा कि राजस्थान की राजनीति में पायलट की क्या भूमिका होगी।
टिकट वितरण में पायलट को मिलेगी तवज्जो
हालांकि सूत्रों की मानें तो टिकट वितरण में पायलट को अहम् जिम्मेदारी मिल सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि टिकट वितरण के समय पायलट समर्थकों को एडजस्ट किया जाएगा। 40-45 विधानसभा सीटों पर पायलट का प्रभाव है वहां उनकी सहमति से ही टिकट दिए जाएंगे।