Rajasthan Politics: बता दें कि राजस्थान में भाजपा सरकार बने करीब डेढ़ साल हो चुका है। शुरुआत से ही कांग्रेस प्रदेश सरकार को घेरती आ रही है। सीएम भजनलाल शर्मा को अक्सर आरोपों पर शांत देखा गया है। लेकिन पूर्व सीएम अशोक गहलोत के लगातार आरोपों के बाद गत सोमवार को सीएम भजनलाल शर्मा के सब्र का बांध टूट गया और कांग्रेस को हिसाब किताब करने की खुली चुनौती दे दी।
दो दिन बाद बुधवार को नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि सीएम साब, विधानसभा में जवाब दीजिए, सवालों का जवाब देने का यह सबसे अच्छा मंच था लेकिन वहां तो मंत्री और विधायक जवाब दे नहीं पाए खुले मंच में तो कभी भी हाजिर हो जाएंगे… आप बस तारीख बताइए! मैं पहुंच जाऊंगा।
किस चुनौती को कांग्रेस ने किया स्वीकार
गत सोमवार को सीएम शर्मा ने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा कि जनता को बरगलाने का काम मत कीजिए। मैं कहना चाहता हूं- खुले मंच पर आइए। पांच साल का हिसाब और डेढ़ साल का हिसाब अगर पांच साल से ऊपर नहीं जाए तो बता दीजिएगा।
अशोक गहलोत ने सीएम को दी यह नसीहत
तीन बार के सीएम रह चुके अशोक गहलोत ने सीएम भजनलाल शर्मा को नसीहत दी कि जयपुर से दिल्ली तक उन्हें हटाने का षडयंत्र उनकी ही पार्टी के नेता कर रहे हैं। उनसे उन्हें सावधान रहकर ब्यूरोक्रेसी को खुद पर हावी नहीं होते हुए काम करना चाहिए। सीएम को चाहिए कि वह विपक्ष की बातों को गंभीरता से सुने, यह जनभावना है।
अब आगे क्या है उम्मीद
सीएम शर्मा और कांग्रेस के बीच सियासी जंग अब मुद्दों से आगे बढ़कर एक दूसरे को आए दिन खुली चुनौती देने तक पहुंच गई है। दोनों पक्षों में ‘दम है तो…’ की बात हो रही है। अब खुली बहस में सच सामने आएगा या यह सिलसिला बस आरोप-प्रत्यारोप तक ही सिमटा रहेगा। यह तो वक्त ही बताएगा। अगर सीएम ने विधानसभा सत्र से पहले कांग्रेस को जगह और समय बता दिया तो क्या कांग्रेस खुली चर्चा के लिए पहुंचेगी?