केजे श्रीवत्सन, जयपुर
पढ़ाई के नाम पर कोचिंग सेंटरों द्वारा अभिभावकों से मनमानी फीस वसूलने पर अब सरकार सख्त हो गई है। तनाव की वजह से कई बच्चों के जान देने के मामले सामने आने के बाद कोचिंग सेंटरों पर लगाम लगाने की मांग उठने लगी थी। अब राजस्थान सरकार ने विधानसभा में राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट कंट्रोल एंड रेगुलेशन बिल 2025 पेश किया है। इसे मौजूदा सत्र में ही पारित करवाकर कानून का रूप दिया जाएगा। इसके कानून बनने के बाद बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की फीस कोचिंग सेंटरों को लौटानी होगी। विपक्ष चाहता है कि 16 साल से कम आयु के बच्चों पर कोचिंग से रोक का प्रावधान भी इसमें शामिल कर उन्हें तनाव से मुक्त रखा जाए।
नियमों के उल्लंघन पर लगेगा जुर्माना
राजस्थान के कोटा सहित कई क्षेत्रों में चल रहे कोचिंग सेंटरों में स्टूडेंट्स के आए दिन आत्महत्या करने के मामले सामने आने लगे थे। इनको देखते हुए अब सरकार ने फैसला लिया है। डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट कंट्रोल एंड रेगुलेशन बिल 2025 विधानसभा में पेश किया है। इसमें कोचिंग सेंटरों के संचालन को लेकर कई प्रावधान किए गए हैं। नियमों के उल्लंघन पर सेंटर्स की मान्यता रद्द करने, जुर्माना लगाने और लैंड रेवेन्यू एक्ट के तहत जब्त करने तक के कड़े प्रावधान शामिल हैं। प्रावधानों के तहत 50 से ज्यादा विद्यार्थियों वाले हर कोचिंग सेंटर को रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होगा।
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मनमानी फीस वसूली पर भी रोक के साथ तनाव मुक्त माहौल पर जोर दिया गया है। कोचिंग सेंटरों की मॉनीटरिंग के लिए राज्य स्तरीय हेल्पलाइन सेंटर भी बनेगा। अभिभावकों के लिए सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि बीच में कोचिंग छोड़ने वाले स्टूडेंट्स को फीस लौटानी होगी। प्रेमचंद बैरवा का कहना है कि जिस तरह से छात्रों के अभिभावकों की शिकायतें सामने आ रही थीं, उसे गंभीरता से लेते हुए बिल पेश किया गया है। इसमें कोचिंग सेंटरों पर नियंत्रण के लिए जिला और राज्य स्तर पर कमेटी के गठन का प्रावधान किया है। बार-बार गलती करने पर उन्हें बंद करने का प्रावधान भी है। हम चाहते हैं कि विद्यार्थी पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के साथ बौद्धिक विकास करें। सरकार को जो भी सुझाव मिलेंगे, उनको शामिल किया जाएगा।
Rajasthan Coaching Centre (Control and Regulation) Bill 2025:
The provision of 16 years age bar in admission was removed in the final bill despite adding in the draft copy. The move violates the @EduMinOfIndia‘s Jan 16, 2024 guidelines for the coaching centres’ regulation. pic.twitter.com/bX0RJ3m9AG— Senjuti SenGupta (@senjutiSG_) March 19, 2025
इस साल 10 छात्र दे चुके जान
तनाव के चलते राजस्थान में इस साल अब तक 10 छात्र जान दे चुके हैं। सबसे पहले 8 जनवरी को JEE की तैयारी करने वाले हरियाणा के महेंद्रगढ़ के छात्र नीरज के फांसी लगाकर जान दे दी थी। उसके बाद जनवरी में 6 और छात्रों ने आत्महत्या की। 2024 में कोटा में 17 मामले सामने आए थे, 2023 में 23 बच्चों ने तनाव के चलते जान दी। आईआईटी में प्रवेश के लिए लगभग 7 लाख छात्र हर साल कोटा जैसे शहरों में तैयारी करने आते हैं। पहले हर साल ढाई लाख बच्चे कोटा में पढ़ने आते थे, जिनकी संख्या घटकर डेढ़ लाख रह गई है। इससे कोचिंग सेंटरों का सालाना राजस्व घटकर 7000 करोड़ से लगभग 4-5 हज़ार करोड़ रह गया है।
क्या बोले नेता प्रतिपक्ष?
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि आत्महत्या के मामलों को रोकने की कोशिश हमारी सरकार ने भी की थी। 16 साल से कम उम्र के बच्चों की कोचिंग पर रोक का प्रावधान उसमें था। अब सरकार फिर बिल लेकर आई है। सरकार मजबूत बिल लेकर आए, जिसमें हमारे सुझाव भी जोड़े जाएं। सरकार उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी की अध्यक्षता में एक प्राधिकरण का भी गठन कर रही है, लेकिन जरूरी है कि छात्रों को ऐसा माहौल मिले, जिसमें वे दिल खोलकर अपनी बात कह सकें।
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