Rajasthan Assembly Session: भर्ती परीक्षाओं के पेपरलीक मामले में बुधवार को विधानसभा में जमकर बहस हुई। शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ पेपरलीक का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आरपीएससी में भ्रष्टाचार का तांडव हो रहा है। हमारी मत मानों लेकिन पालयट साहब की तो मानो। राठौड़ के अलावा पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी, सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी ने भर्ती परीक्षाओं पर सवाल उठाते हुए जमकर हंगामा किया। उन्हाेंने कहा कि पेपरलीक और ईओ भर्ती परीक्षा में पकड़े गए लोगों के तार आरपीएससी के सदस्यों से जुडे़ हैं।
पेपरलीक मामले की सीबीआई जांच हो
भाजपा विधायकों ने आरपीएससी को भंग करने और अब तक हुई भर्तियों की जांच सीबीआई से करने की मांग करते हुए हंगामा किया। इस दौरान भाजपा सदस्यों ने वेल में आकर नारेबाजी भी की। इसके बाद सभी भाजपा विधायक सदन से वाॅकआउट कर गए।
पेपरलीक के मुद्दे पर बहस की शुरूआत करते हुए नेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने कहा कि आरपीएससी में भ्रष्टाचार चरम पर है। हमारी तो मन मानो, लेकिन पायलट साहब की तो मानो। जिन्होंने पैरों के छालों की कसम खाकर कहा था- आरपीएससी को भंग कर देना चाहिए। अब तक जितनी भी परीक्षाएं हुई है उन सबकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। जिन लोगों के तार पेपरलीक से जुड़े हैं उन्हें हटाकर सीबीआई जांच करवानी चाहिए।
राज्य में भ्रष्टाचार की गंगोत्री बह रही है
राठौड़ ने आगे कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार की गंगोत्री बह रही है। राज्य में 3 एजेंसियों ने सर्वे किया है उसमें यह सामने आया कि यहां बिना भ्रष्टाचार कोई काम नहीं होता है। इस सरकार में कुल 18 पेपरलीक हुए। इनमें 1.30 करोड़ कैंडिडेट बैठे, 400 करोड़ रुपए फीस के दिए। प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ कि सचिवालय में फाइलों की जगह नोट और सोना मिले।
वहीं जयपुर से विधायक अशोक लाहोटी ने कहा कि रीट, पेपरलीक में एसओजी की रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं की। आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा पेपरलीक में पकड़ा गया। उन्हेांने कहा कि प्रदेश का युवा पूछ रहा है कि अगला पेपर कौनसा लीक होने वाला है?