Rajasthan Assembly Session: विधानसभा में संगठित अपराधों पर नियंत्रण विधेयक पर बहस के दौरान नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के बीच जमकर बहस हुई। बहस के दौरान गहलोत सरकार पर आए सियासी संकट और देशद्रोह के मुकदमों का जिक्र छिड़ गया। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने जब बिल में फोन टेपिंग से जुड़े प्रावधानों को लेकर कमेंट किया तो धारीवाल ने कहा फोन टेपिंग तो बड़ा लंबा किस्सा है। उन बातों को याद मत दिलाओ, याद दिलाओगे तो फंस जाओगे, फंसे पड़े हो।
पायलट पर मुकदमा करवाते हो और हमसे आंख लड़ाते हो
नेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने धारीवाल पर निशाना साधते हुए कहा आप चार-चार टेप लेकर आए थे, कहां से आए थे वो टेप? कैसे करवा दिया था मुकदमा। पायलट पर आपने मुकदमा कैसे करवाया? पायलट पर राजद्रोह का मुकदमा करवाते हो और हमसे आंख लड़ाते हो। धारीवाल ने कहा कि इंडियन टेलीग्राफ एक्ट और इंडियन एविडेंस एक्ट में कोई विरोधाभास नहीं है।
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हाईकोर्ट का फैसला आपकी सरकार के खिलाफ
धारीवाल के जवाब में राठौड़ ने कहा कि फोन टेपिंग को लेकर हाईकोर्ट का लेटेस्ट फैसला आपकी सरकार के खिलाफ गया है। शशिकांत वाले मामले में रेवेन्यू बोर्ड में आपने फोन टेप करवाए थे। आईजी को आपने सक्षम ऑथारिटी मानकर फोन टेप करवाए थे। हाईकोर्ट ने उन सारे फोन टेप को सबूत मानने से इंकार कर दिया। इस पर मंत्री महेश जोशी ने कहा कि इससे नुकसान किसका है राठौड़ साहब, जो आपके बस की बात है, वह मेरे बस की भी है।
बहस के दौरान यूनिवर्सिटी के दिनों को याद करते हुए उस दौरान हुए मुकदमों की ओर राठौड़ ने इशारा किया तो रघु शर्मा ने कहा कि उस लिस्ट में तो आप भी थे और मैं भी था। वो सारी लिस्ट है मेरे पास, आप और मैं अलग नहीं थे।