Rajasthan Assembly Election 2023 Congress Mohan Lal Sukhadiya Marriage Story: राजस्थान में कांग्रेस का एक ऐसे सीएम रहे हैं जिनकी शादी के चर्चे ज्यादा होते हैं। जब वे अपनी शादी के बाद नाथद्वारा लौटे तो विरोध में व्यापारियों ने पूरा शहर बंद कर दिया था। वहीं युवाओं ने इतना भव्य जुलूस निकाला कि ऐसा उनके सीएम बनने पर भी नहीं निकाला गया।
पूर्व सीएम मोहन लाल सुखाड़िया ने स्वयं अपनी किताब में इस घटना का जिक्र करते हुए लिखा कि 1 जून 1938 को अजमेर के पुष्कर स्थित आर्य समाज केंद्र में उन्होंने इंदू बाला से विवाह कर लिया। मैं स्वयं कट्टर वैष्णव परिवार से आता था। जबकि इंदू बाला आर्य समाज परिवार से थीं। शादी की खबर जब मेरे शहर पहुंची तो पूरे शहर में बवाल हो गया। विवाह के विरोध में पूरे शहर को बंद कर दिया गया। इसके बावजूद उन्होंने नाथद्वारा जाने का फैसला किया।
बग्घी में बैठाकर निकाला जुलूस
पूर्व सीएम ने अपनी किताब में लिखा कि नाथद्वारा जाकर उन्हें वहां की जनता से आशीर्वाद लेना था। विरोध के बावजूद मैं वहां गया और मैंने वहां के लोगों से आशीर्वाद लिया। मेरे मित्रों के आग्रह पर मैं समाज के लोगों के बीच पहुंचा। मुझे इस बात का पहले से अंदेशा था कि मेरे वहां पहुंचने पर लोग मेरा विरोध करेंगे। मुझे मेरे मित्रों ने एक बग्घी में बैठाया और दूल्हन के कपड़ों में मेरी पत्नी इंदू को। इसके बाद पूरे शहर में जुलूस निकाला गया। इसके साथ ही मोहन भैया जिंदाबाद के नारे लगाए गए।
उदयपुर में खोली इलेक्ट्रिक सामानों की दुकान
बता दें कि एक ओर जहां धर्मावलंबियों ने उनकी शादी के विरोध में पूरे शहर को बंद करवाया था तो वहीं दूसरी ओर उनके मित्रों और युवाओं ने पूरे शहर में जुलूस निकाला। ऐसा जुलूस तो तब भी नहीं निकाला गया जब वह सीएम बनाए। इसी जुलूस ने उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। मोहनलाल के पिता पुरुषोत्तम दास सुखाड़िया जाने-माने क्रिकेटर थे। मोहनलाल के पिता के निधन के बाद नाथद्वारा स्थित ठाकुर जी मंदिर के महंत दामोदरदास तिलकायत ने उनकी देखरेख की और पढ़ाई के लिए बाॅम्बे भेजा। मोहन लाल ने बाॅम्बे से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने उदयपुर में इलेक्ट्रिक सामान की दुकान खोली। गौरतलब है कि मोहनलाल सुखाड़िया को आधुनिक राजस्थान का निर्माता कहा जाता है। वे 1954 से 1971 तक राजस्थान के सीएम रहे। इसके बाद कई राज्यों के राज्यपाल भी रहे।
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