Lok sabha election 2024: नागौर लोकसभा सीट पर इस बार दिलचस्प मुकाबला होने वाला है। दरअसल, इस बार आरएलपी के हनुमान बेनीवाल और बीजेपी से ज्योति मिर्धा आमने-सामने हैं। बता दें हनुमान ने 2019 में एनडीए के साथ चुनाव लड़ा था और वह यहां से जीते हुए सांसद हैं। टिकट कटने के बाद उन्होंने कांग्रेस से गठबंधन किया। कांग्रेस ने भी शनिवार को यह सीट आरएलपी के लिए छोड़ने का ऐलान कर दिया है।
जयपुर हवाई अड्डे पर @RLPINDIAorg व @INCIndia परिवार के सदस्यों ने स्वागत किया ! pic.twitter.com/Z42qk7YxP8
---विज्ञापन---— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) March 24, 2024
181260 वोटों से जीते थे बेनीवाल
कांग्रेस के इस सीट को आरएलपी के लिए छोड़ने की घोषणा के बाद बीजेपी की चिंता बढ़ गई है। आंकड़ों पर गौर करें तो 2019 में हनुमान बेनीवाल ने 181260 वोटों से जीत प्राप्त की थी। वह इस सीट से मजबूत दावेदार हैं। राजस्थान की राजनीति में हनुमान बेनीवाल का कद काफी बढ़ चुका है। इससे पहले वह 4 बार विधायक रहे हैं। 2008 में वह खींवसर सीट से पहली बार विधायक बने थे। 29 अक्टूबर 2018 को उन्होंने अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) बनाई थी।
"जय भाजपा, तय भाजपा"
आज खींवसर में आयोजित भाजपा पार्टी बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में सभी वरिष्ठ नेताओं, पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ लोकसभा चुनाव की दृष्टि से चर्चा एवं विचार विमर्श किया l
भाजपा का पूरा परिवार ‘अबकी बार, 400 पार' के लक्ष्य के साथ माननीय श्री नरेंद्र… pic.twitter.com/BDmuR6pwBj
— Dr. Jyoti Mirdha 🇮🇳 ( मोदी का परिवार) (@jyotimirdha) March 23, 2024
मिर्धा परिवार का दबदबा
बीजेपी ने ज्योति मिर्धा को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है। मिर्धा परिवार दशकों से इलाके में अपना दबदबा रखता है। दरअसल, नागौर जाट राजनीति का गढ़ माना जाता है। इस लोकसभा सीट पर जाट, एससी, मुस्लिम, राजपूत और ओबीसी मतदाता ज्यादा हैं। बता दें ज्योति मिर्धा के दादा नाथूराम मिर्धा 6 बार सांसद रहे थे। नागौर लोकसभा सीट के अंतर्गत 8 विधानसभा आती हैं। 2014 में इस सीट पर भाजपा सीआर चौधरी जीते थे।
2009 में लोकसभा चुनाव जीती थीं
ज्योति मिर्धा ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया है। वह इससे पहले 2009 में लोकसभा चुनाव जीती थीं। जिसके बाद लगातार 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव वह हार गई थीं। हनुमान बेनीवाल ने साल 2003 में इंडियन नेशनल लोकदल से मूंडवा सीट से चुनाव लड़ा था और दूसरे स्थान पर रहे थे। 2008 में वह खींवसर सीट से पहली बार विधायक बने थे। वह छात्र राजनीति से उभरे थे और छात्र संघ अध्यक्ष भी रहे हैं।
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