Jaipur: राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। इसको लेकर अभी से कांग्रेस और बीजेपी के नेता एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार ओपीएस पर सरकारी कर्मचारियों के साथ धोखा कर रही है।
राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के युवराज ने 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी घोषणा पत्र में यह दावा किया था कि सरकार बनने के 10 दिन के भीतर किसानों को संपूर्ण कर्ज माफ किया जाएगा जो आज तक पूरी नहीं हुई।
ओपीएस को लेकर उठाए सवाल
राजेंद्र राठौड़ ने बीजेपी कार्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि सीएम ने इस साल के बजट के पैरा 151 में प्रदेश की सरकारी संस्थाओं में कार्यरत सभी कार्मिकों को पेंशन लाभ देने का वादा किया था।
नेता प्रतिपक्ष श्री @Rajendra4BJP ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता कर राजस्थान में लंपी बीमारी से हुई गायों की मौत को लेकर सरकार पर आरोप लगाते हुये बताया कि प्रदेश में लंपी बीमारी से लाखों गायों की मौत हुई थी, जबकि प्रदेश सरकार ने 76 हजार का ही आंकड़ा दिया है। वही महंगाई… pic.twitter.com/yZjDF72Y28
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अब सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए सभी कर्मचारियों को अपना अंशदान 12 फीसदी ब्याज समेत 15 जुलाई 2023 तक जमा करवाने को कहा है। तभी ओपीएस का लाभ दिया जाएगा। अब सवाल यह है कि कर्मचारी इतना पैसा कहां से लाएगा। यदि वह विकल्प नहीं भरता है तो उसे ओपीएस में शामिल नहीं किया जाएगा।
किसानों का कर्ज नहीं हुआ माफ
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव से पहले नवंबर 2018 में चुनावी जनसभाओं में 10 दिन में किसानों का संर्पूण कर्जमाफ करने की घोषणा की थी जो आज तक पूरी नहीं हो पाई।
उन्हाेंने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित बैंकों व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के ऋणी किसानों का कर्जमाफ करने के लिए सुझाव देने के लिए 1 जनवरी 2019 को केबिनेट मंत्री बीडी कल्ला जी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया था। समिति में परसादीलाल मीणा, रघु शर्मा समेत कई बड़े नेता सदस्य थे। आज तक कल्ला कमेटी की रिपोर्ट का कोई अता पता नहीं है।
मृत पशुओं के आंकड़े छिपा रही सरकार
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि लंपी बीमारी में दिए जाने वाले राहत पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने लंपी बीमारी से दुधारु गोवंश की मृत्यु पर प्रति गाय 40 हजार रुपए देने की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी। सरकार आंकड़ों के अनुसार उस समय लंपी से 15.67 लाख पशुधन संक्रमित हुआ था और सरकार ने मात्र 76 हजार 30 गौवंश की मौत लंपी से होना स्वीकारा।
राठौड़ ने कहा कि सीएम द्वारा इस साल के बजट में घोषणा की गई थी कि 1 अप्रैल 2023 को पशुपालकों के खाताें में स्वतः ही पैसा जमा हो जाएगा। लेकिन अब सरकार मात्र 42 हजार पशुपालकों को 40 हजार रुपए का झूठा अनुदान देकर वाहवाही लूटने का प्रयास कर रही है।