Jaipur: स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल और खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बीच जारी बयानबाजी से प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने नाराजगी जताई है। उन्होंने सीएम गहलोत से कहा कि मंत्रियों द्वारा की जा ही इस प्रकार की बयानबाजी पर रोक लगाएं। उन्होंने प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस मामले में पूरी रिपोर्ट तलब की है।
सख्ती के बाद बदल गए मंत्रियों के तेवर
रंधावा ने शांति धारीवाल और प्रतासिंह खाचरियावास की बयान बाजी को लेकर कहा कि मैंने सीएम गहलोत से कहा कि आपके मंत्रियों को कंट्रोल करिए। मंत्रियों को कंट्रोल करना मुख्यमंत्री का काम है। इस मामले में रंधावा ने सीएम गहलोत और प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा से इस मामले में चर्चा की। रंधावा ने कहा कि मंत्रियों के आपसी मतभेदों को सार्वजनिक मंच पर नहीं रखा जाना चाहिए। सूत्रों की मानें तो सीएम गहलोत से शिकायत के बाद खाचरियावास के तेवर बदले हुए नजर आए।
कुछ ऐसे शुरू हुआ था विवाद
बता दें कि यूडीएच मंत्री ने 22 जून को उदयपुर में अमृत योजना के तहत सीवेज कार्यों का लोकार्पण किया था। कार्यक्रम में असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया भी मौजूद थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री धारीवाल ने कहा था कि प्रदेश में स्मार्ट सिटी के तहत कोटा, अजमेर, जयपुर और उदयपुर लिए गए हैं। लेकिन सबसे कम काम जयपुर में हुआ है। मैं वहीं का हूं, लेकिन कुछ नहीं कर पाया। तीन-तीन मंत्री और विधायक हैं। उन्होंने आगे कहा कि मंत्री विधायकों के आपसी विवादाें से विकास के काम रूक जाते हैं।
खाद्य मंत्री ने किया था पलटवार
इसके बाद खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने यूडीएच मंत्री पर पलटवार करते हुए कहा कि धारीवाल कांग्रेस को हराना चाहते हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए। धारीवाल ने कहा कि 22 जून को जिस तरह की भाषा का उपयोग किया गया था उससे लग रहा था कि उनके नेता अशोक गहलोत और सोनिया गांधी नहीं गुलाबचंद कटारिया हैं। धारीवाल बीजेपी के कार्यकर्ता बनकर बात कर रहे थे। उन्होंने संकल्प ले रखा है, कैसे गलत बयान देना है। उन्होंने आगे कहा कि धारीवाल को पार्टी से अनुशासनहीनता का नोटिस मिला हुआ है इसके बावजूद इस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं।