Jaipur News: जयपुर के परकोटा इलाके में एक निर्माणाधीन मस्जिद को लेकर बवाल मच गया है। नगर निगम ने इसे अवैध बताते हुए सीज कर दिया, वहीं मुस्लिम समुदाय ने इस कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। अब सवाल ये है कि क्या ये कानूनी कार्रवाई है या धार्मिक भावना से छेड़छाड़?
जयपुर के परकोटा इलाके का वार्ड नंबर 26 गणपति गार्डन के पास बनी इस मस्जिद के निर्माण पर अब ब्रेक लग गया है। जयपुर हेरिटेज नगर निगम ने इसे अवैध घोषित करते हुए 180 दिनों के लिए सीज़ कर दिया है। जिसके बाद मस्जिद के बाहर सीलिंग नोटिस है, गेट बंद है और रुक-रुक कर यहां पर हो रही नारेबाजी के चलते अब तो पुलिस गश्त भी शुरू हो गई है। निगम का कहना है कि निर्माण से पहले ना तो स्वामित्व के दस्तावेज दिखाए गए और ना ही कोई अनुमति ली गई। दो बार नोटिस दिए गए, लेकिन निर्माण जारी रहा। अब नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 1947 के तहत कार्रवाई की गई है। स्थानीय पार्षद का कहना है कि कॉलोनी पांच साल पुरानी है और यह मस्जिद हाल ही में बननी शुरू हुई।
स्थानीय पार्षद ने दिया बड़ा बयान
मामले में स्थानीय पार्षद विमल अग्रवाल ने कहा कि तीन साल पहले तक यहां कोई मस्जिद नहीं थी। दो मंजिला अवैध निर्माण किया जा रहा था, बिना कागज़ और अनुमति के। नगर निगम ने कई बार इनसे कागज की मांग की थी लेकिन इन्होंने नहीं दिया तो हमने इस सीज कर दिया। यह एक सुनियोजित कब्जा है और वैध दस्तावेज अब तक नहीं दिए गए। लेकिन नगर निगम की इस कार्रवाई के बाद यहां पर रहने वाले मुस्लिम समाज के लोग नाराज हैं। मुस्लिम समुदाय का दावा है कि ये निर्माण सरकारी जमीन पर नहीं, बल्कि दान में मिली जमीन पर किया जा रहा है। इसके बावजूद प्रशासन ने रोक लगाई है। समुदाय ने चेताते हुए कहा कि अगर समाधान नहीं हुआ तो सड़कों पर नमाज और आंदोलन होगा। प्रदर्शन के दौरान एक महिला धमकी भरे लहजे में कहती दिखी कि मस्जिद निर्माण नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन होगा। सवाल ये भी उठा कि मंदिरों के आयोजनों पर कोई रोक नहीं लगती, मस्जिद ही क्यों टारगेट?
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मस्जिद का निर्माण कार्य रुका
हालांकि कुछ स्थानीय लोग इसे द्वेषभावना से प्रेरित कार्रवाई बता रहे हैं और कोर्ट जाने की बात कर रहे हैं। वहीं, नगर निगम अपनी बात पर अड़ा है कि अवैध निर्माण पर कार्रवाई जरूरी थी। अब सवाल यह है कि क्या ये मसला कानून का पालन है या किसी खास समुदाय का उत्पीड़न? फिलहाल मस्जिद का निर्माण कार्य थमा है, लेकिन नाराजगी बरकरार है। प्रशासन को जल्द हल निकालना होगा, ताकि मामला धार्मिक विवाद की ओर न बढ़े।
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