Jaipur Blast Case: जयपुर सीरियल ब्लास्ट के आरोपियों को बरी करने के मामले में बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया ने गुरुवार को कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। पूनिया ने कहा कि इतने बड़े अपराध में आरोपियों का बरी होना राजस्थान की गहलोत सरकार की पैरवी पर सवाल और शंका पैदा करता है।
कोर्ट ने सरकार की पैरवी पर खड़े किए सवाल
बता दें कि 13 मई 2008 को जयपुर में बम धमाके हुए थे जिसमें 71 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 185 लोग घायल हुए थे। 2019 में जिला कोर्ट ने मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान, सरवर आजमी और मोहम्मद सलमान को हत्या, राजद्रोह और विस्फोटक अधिनियम के तहत फांसी की सजा सुनाई थी।
पूनिया ने आगे कहा कि जिस तरीके एटीएस ने काट छांट कर सबूत पेश किए। उसके बाद कोर्ट ने भी सरकार की पैरवी पर सवाल खड़े किए हैं। कोर्ट ने भी माना कि है कि इस पूरे मामले में सबूत ढंग से नहीं आए है, ना ही इस पूरे मामले की अच्छे से जांच हुई है। मुझे लगता है कि यह राजस्थान की अशोक गहलोत की तुष्टिकरण की पराकाष्ठा है।
जयपुर बम ब्लास्ट मामले पर में आरोपियों का बरी होना गहलोत सरकार की पैरवी पर शंका पैदा करता है ; राज्य सरकार की न्यायिक पैरवी की लापरवाही संदेह पैदा करती है, यह कांग्रेस सरकार की तुष्टिकरण की पराकाष्ठा है। pic.twitter.com/quBAtqPmT6
---विज्ञापन---— Satish Poonia (Modi Ka Parivar) (@DrSatishPoonia) March 29, 2023
जांच अधिकारी को कानून की जानकारी नहीं- जज
गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट की जस्टिस पंकज भंडारी और समीर जैन की बेंच ने आरोपियों को बरी करते हुए कहा कि जांच अधिकारी को कानून की जानकारी नहीं है। वहीं अब राज्य सरकार फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है।
फैसले के बाद आरोपियों के वकील ने कहा कि हाईकोर्ट ने एटीएस की पूरी थ्योरी को गलत बताया है। इसी वजह से आरोपियों को बरी कर दिया गया। वहीं सरकार की तरफ से पैरवी करने वाले राजेश महर्षि ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। इसकी तैयारी कर रहे हैं।