Jaipur Accident inside story: पिता की अस्थियों का हरिद्वार में विसर्जन कर लौटते समय किस ने सोचा होगा कि पूरे परिवार का यह सफर आखिरी होगा। देर रात हुए हादसे का अगर तभी किसी को पता चल जाता तो शायद मरने वालों को बचाया जा सकता था। अगली दोपहर तक किसी को इस हादसे का पता नहीं चला। दोपहर एक युवक ने नाले में डूबी कार देख पुलिस को सूचना दी, तब जाकर पुलिस अधिकारियों को फौज मौके पर पहुंचीं, लेकिन तब तक कार में सवार सातों लोगों की मौत हो चुकी थी। मरने वालों में 3 आदमी, 2 महिलाएं और दो बच्चे शामिल थे। मरने वाले सभी एक ही परिवार के मेंबर थे और फुलियावास केकड़ी और जयपुर के वाटिका के निवासी थे।

क्या कहती है हादसे की प्राइमरी जांच
हादसे की प्राइमरी जांच में सामने आया है कि बारिश के कारण रिंग रोड के नीचे अंडरपास में पानी भरा हुआ था। शनिवार देर रात में पानी की गहराई का अनुमान नहीं लग पाया और इसी वजह से कार अंडरपास में भारी जलभराव होने के कारण नाले में पलट गई होगी। रविवार दोपहर तक कार उसी हालत में नाले में डूबी रही। रविवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे तक एक युवक ने उसे देखा और पुलिस को सूचित किया।
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हादसे को लेकर क्या बोले चाकसू के ACP
चाकसू के ACP सुरेन्द्र सिंह और एसएचओ सुरेंद्र कुमार ने बताया कि परिवार हरिद्वार में अस्थियां विसर्जन कर लौट रहा तो यहां यह हादसा हुआ। सूचना मिलते ही कार को नाले से बाहर निकलवाया गया और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया। मरने वालों में कालूराम, रामराज और गजराज शामिल थे। महिलाओं में रामराज की पत्नी मधु और कालूराम की पत्नी सीमा शामिल थी। बच्चों में रामराज का बेटा रूद्र और कालूराम का बेटा रोहित शामिल है। यह परिवार जयपुर के वाटिका और अजमेर जिले के केकड़ी के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
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