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राजस्थान

राजस्थान में मटकियां बेचने वाले को इनकम टैक्स ने भेजा साढ़े 10 करोड़ का नोटिस, परिवार की उड़ी नींद

इनकम टैक्स की नोटिस से परेशान होकर युवक ने साइबर थाना बूंदी में शिकायत दी है। पीड़ित व्यक्ति की शिकायत के आधार पर पुलिस ने अनुसंधान शुरू कर दिया है।

Author Reported By : kj.srivatsan Edited By : Satyadev Kumar Updated: Apr 16, 2025 00:15
Income tax sent a notice of 10.5 crores

राजस्थान के बूंदी जिले में इनकम टैक्स विभाग की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। बूंदी जिले के झालीजी का बराना निवासी विष्णु कुमार प्रजापति मटकियां बना कर बेचने का काम करता है। विष्णु कुमार प्रजापति को आयकर विभाग ने 10.5 करोड़ रुपये जमा करवाने का नोटिस दिया है। नोटिस मिलने के बाद से युवक सहित परिवार की नींद उड़ी हुई है।

वितीय वर्ष 2020-21 में लेनदेन को लेकर भेजा गया नोटिस

पीड़ित विष्णु कुमार प्रजापति ने बताया कि उन्हें 11 मार्च को आयकर विभाग, बूंदी का नोटिस प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि नोटिस में सुरेन्द्र सिंह बाबेल नामक व्यक्ति को 10 करोड़ 61 लाख 83 हजार रुपये का विक्रय लेनदेन वितीय वर्ष 2020-21 में किया जाना बताया गया है, जबकि वह इस नाम के व्यक्ति को नहीं जानता तक नहीं है और ना ही ऐसे किसी व्यक्ति से कभी मिला है।

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साइबर थाना बूंदी में की शिकायत

युवक बूंदी व कोटा के आयकर विभाग के चक्कर लगा कर थक चुका है, लेकिन उस को कोई राहत नहीं मिली है। ऐसे में युवक ने परेशान होकर साइबर थाना बूंदी में शिकायत दी, जिस पर थाना पुलिस ने अनुसंधान शुरू कर दिया है।

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मुंबई की ट्रेडिंग कंपनी ने किया फर्जीवाड़ा

विष्णु द्वारा जब आयकर विभाग और जीएसटी विभाग की वेबसाइट पर उक्त तथ्य को जांचा गया तो पता लगा कि 19 मार्च 2020 को गिरगांव मुंबई, महाराष्ट्र में भूमिका ट्रेडिंग के नाम से एकल स्वामित्या फर्म का जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवा लिया गया था। उक्त फर्म के रजिस्ट्रेशन में प्रार्थी के आधार पैन व अन्य दस्तावेजों का उपयोग कर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा लेनदेन किया गया, जिससे विष्णु प्रजापति का कोई लेना देना नहीं है।

उपरोक्त फर्म द्वारा एक अन्य कंपनी के साथ  2 करोड़ 83 लाख 22 हजार 195 रुपए का वित्तीय लेनदेन किया गया था, जिससे भी विष्णु का कोई लेना-देना नहीं है। इस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के 2 डायरेक्टर हैं, जिनका नाम भी ऑनलाइन दिखाई दे रहा है। वर्तमान में यह जीएसटी रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा रिटर्न नहीं भरने के कारण स्वतः संज्ञान ले कर निरस्त कर दिया गया है। पता चला है कि 19 मार्च 2020 से लेकर 1 फरवरी 2021 के बीच उक्त लेनदेन किया गया, जिसकी विष्णु को कोई जानकारी नहीं थी। उक्त लेनदेन पर आयकर विभाग द्वारा भी प्रार्थी को नोटिस का जवाब देने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया गया था, जिसमें विष्णु ने पहली बार आयकर दाखिल करते हुए अपनी आय 95 हजार रुपये दिखाई है।

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Edited By

Satyadev Kumar

Reported By

kj.srivatsan

First published on: Apr 16, 2025 12:15 AM

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