Rajasthan (KJ Srivatsan): राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने उनकी सरकार की योजनाओं को ‘फ्री रेवड़ी’ मानने से इनकार करते हुए इसे सामाजिक सिक्योरिटी का नाम दिया है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभार्थियों से संवाद के दौरान उन्होंने एक बार फिर कहा कि योजनाओं का लाभ देकर सरकार लोगों पर कोई एहसान नहीं कर रही है। बल्कि यह तो उनका फर्ज है। इस मौके पर उन्होंने इशारों ही इशारों में कहा की 14 तारीख से शुरू हो रहे मानसून सत्र में कई और बड़े अहम कानून भी बनने वाले हैं।
सीएम अशोक गहलोत ने पिछले तीन दिन में दो बार समजिक सुरक्षा गारंटी योजना के लाभार्थियों के साथ बैठक ली। इसके जरिये वे ना केवल लाभार्थियों से संवाद करके योजनाओं को अमली जामा पहनाने के जमीनी हकीकत को समाझने की कोशिश कर रहे हैं, बल्कि उनकी कोशिश ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचना है। इसी के तहत बुधवार को सीएम गहलोत ने एक बार फिर से लाभार्थियों से बातचीत की।
योजनाएं संविधान की मूल भावना की प्रतीक
सीएम ने उनकी बातें सुनी और कहा की असंभव कोई मांग नहीं है, लेकिन समय रहते वे उसे पूरा करने की कोशिश करेंगे। इस मौके पर सीएम गहलोत ने 1 महीने के भीतर पेंशनर के आवेदनकर्ताओ के वेरिफिकेशन करने, हर महीने के 4 तारीख को पेंशन की राशि खाते में जमा करने, न्यूनतम मजदूरी को बढाने का भी अधिकारियों को निर्देश जारी किया। सीएम अशोक गहलोत ने एक बार फिर साफ किया की पेंशन और दूसरी योजनाये जनता पर कोई एहसान नहीं, बल्कि सबको जीने का हक देने के सविधान की मूल भावना का प्रतीक है।
इस मौके पर उन्होंने सिविल सोसायटियों से मिलने वाले सुझावों को भी सरकार के कामकाज के लिए अहम बताया, क्योंकि ये आम आदमी की आवाज है। उन्होंने कहा की ये सरकार के कामकाज में चार चांद लगाते हैं। उन्ही की वजह से और उनके लिए ही वे सीएम भी बने हैं।
इस मौके पर लाभार्थियों की ओर से जयपुर के रामलीला मैदान तक एक पेंशन रैली भी निकली गई और सीएम गहलोत ने वह मौजूद करीब 15 हजार पेंशनर लाभार्थियों से विडियो कांफ्रेंस के जरिये संबोधित भी किया।
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