Bharatpur wife denies husband after job: राजस्थान के भरतपुर से एसडीएम ज्योति मौर्या जैसा मामला सामने आया है। यहां पर एक पति दिन-रात मजदूरी तक पत्नी को बीएसटीसी करवाता है। इसके बाद जब उसकी सरकारी नौकरी लग जाती है तो वह उसे ठेंगा दिखा देती है। फिलहाल पति और उसके पिता ने मामले में कलेक्टर और जिला कोर्ट में फरियाद दी है। मामले में पत्नी का कहना है कि उसका बाल विवाह हुआ था उसे अपनी शादी के बारे में कुछ भी याद नहीं है।
शादी के बाद बदल गया व्यवहार
पूरा मामला भरतपुर जिलेे के भुसावर तहसील के सलेमपुर खुर्द गांव का है। यहां पर मोतीलाल जाटव और उनके पुत्र अनूप कुमार ने परिवाद दिया है। जिसके अनुसार उसकी शादी 14 नवंबर 2021 को नगला हवेली की युवती के साथ बिना दहेज के साधारण तरीके से हुई थी लेकिन शादी के बाद पत्नी का व्यवहार बदल गया। परिवाद में अनूप ने बताया कि उसने मेहनत-मजदूरी कर पत्नी को पढ़ाया। इतना ही भरतपुर शहर में सूरजपोल दरवाजे के पास किराए का कमरा लेकर कोचिंग कराई।
शिक्षक बनने के तोड़ा नाता
अनूप कुमार ने बताया कि आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद उसने पत्नी को बीएसटीसी करवाई और बाद में शिक्षक भर्ती की तैयारी करवाई। जिसके बाद वह 2023 में शिक्षक बन गई। इसके बाद रूपवास क्षेत्र में एक सरकारी स्कूल में शिक्षक बन गई। अनूप ने बताया कि 2 मई 2025 को पत्नी ने उसके साथ रहने और खर्च में मदद करने से इनकार कर दिया। अनूप कुमार ने बताया कि पढ़ाई शुरू करने से पहले पत्नी ने वादा किया था कि वह नौकरी लगने के बाद परिवार की आर्थिक मदद करेगी और पति की पढ़ाई भी कराएगी लेकिन शिक्षक बनने के बाद उसने रिश्ता तोड़ दिया।
मेरा बाल विवाह हुआ मुझे कुछ याद नहीं
पति अनूप कुमार का आरोप है कि रूपवास तहसील के सरकारी स्कूल में कार्यरत पत्नी ने रीट 2023 एल 1 भर्ती में दस्तावेज सत्यापन के दौरान खुद को अविवाहित बताया है। पीड़ित पति अनूप ने मांग की है कि इस मामले की जांच कर कार्रवाई की जाए। वहीं इस पूरे मामले में पत्नी पंकज कुमारी ने कहा कि जब वह नाबालिग थी तब उसका बाल विवाह करा दिया गया था। बालिग होने के बाद उसने अनूप से कोई शादी नहीं की थी। पत्नी पंकज ने आरोप लगाया कि उसने दस्तावेज चोरी करके फर्जी विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र बनवाया था। पत्नी ने कहा कि उसने सालों तक मेरी कोई सुध नहीं ली अब जब मेरी नौकरी लग गई है तो वह उसके पीछे पड़ा है।
ये भी पढ़ेंः जयपुर बीजेपी में ‘सिफारिशी कार्यकारिणी’ का तमाशा, विवाद हुआ तो डिलीट की लिस्ट