जयपुर में जल जीवन मिशन (JJM) घोटाले से जुड़ी हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी के करीब आठ महीने बाद पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता महेश जोशी बुधवार को आखिरकार जेल से बाहर आ गए. सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के बाद शाम 6:30 बजे जयपुर सेंट्रल जेल प्रशासन ने उन्हें रिहा किया.
सेंट्रल जेल गेट पर माहौल किसी राजनीतिक शक्ति-प्रदर्शन से कम नहीं था. बड़ी संख्या में समर्थकों ने फूल मालाओं और नारों के साथ उनका स्वागत किया. जैसे ही जोशी जेल से बाहर निकले, समर्थकों ने ‘महेश जोशी जिंदाबाद’ के नारे लगाए और उनके हाथों में फूल-मालाएं थमा दीं. हालांकि महेश जोशी ने अपने समर्थकों को नारेबाजी नहीं करने की हिदायत भी दी.
पहला कदम- गोविंद देवजी मंदिर
जेल से बाहर निकलते ही महेश जोशी सीधे जयपुर के आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर पहुंचे. यहां उन्होंने भगवान के दर्शन कर माथा टेकते हुए कहा, ‘ईश्वर की कृपा और न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. मैं निर्दोष हूं और न्याय की लड़ाई जारी रखूंगा. ‘
दर्शन के बाद वे अपने निजी आवास पहुंचे, जहां पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का तांता लगा रहा.
8 माह की गिरफ्तारी की कहानी
पूर्व जलदाय मंत्री रहे महेश जोशी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जल जीवन मिशन के 900 करोड़ रुपए के कथित घोटाले में 24 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार किया था. जोशी पर खरीद-फरोख्त और ठेकों में अनियमितताओं का आरोप है, जिसके चलते ED ने उनसे कई दौर की पूछताछ की थी.
राजस्थान हाईकोर्ट ने 26 अगस्त को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. बुधवार को उन्हें जमानत प्रदान कर दी.
पार्टी में दोबारा सक्रियता के संकेत?
जेल से बाहर आते ही महेश जोशी की बॉडी लैंग्वेज और समर्थकों का उत्साह साफ संकेत दे रहा था कि वे अब राजनीतिक रूप से सक्रिय भूमिका में लौट सकते हैं. जोशी दो बार विधायक और एक बार जयपुर से लोकसभा सांसद रह चुके हैं, इसलिए पार्टी में उनकी वापसी पर भी अब निगाहें टिकी हैं.










