जालोर से उतमगिरी की रिपोर्ट: जालोर शहर में स्थित मलकेश्वर मठ में श्रीप्रताप फाउंडेशन के बैनर तले विशाल किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में जालोर और सिरोही की 8 विधानसभाओं के हजारों किसानों ने भाग लिया। पूरा पांडाल किसानों से भरा नजर आया।
गैर राजनीतिक संगठन श्री प्रताप फाउंडेशन द्वारा आयोजित किए गए सम्मेलन में किसानों को उनके अधिकार, खेती के तरीके और किसानों की उन्नति के बारे में जानकारी दी गई। इसके साथ ही किसानों ने सभी जनप्रतिनिधियों के सामने अपनी समस्याएं रखी।
15 दिन से चल रही थी सम्मेलन की तैयारियां
श्री प्रताप फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जालोर और सिरोही जिले के हजारों किसानों ने भाग लिया। सम्मेलन के लिए 15 दिन से तैयारियां और प्रचार-प्रसार किया जा रहा था। जालोर और सिरोही जिले के एक-एक गांव जाकर किसानों को निमंत्रण दिया गया था।
वहीं गांवों का दौरा कर हर गांव में किसानों की बैठक कर अधिक से अधिक संख्या में आगे के लिए किसानों को आह्वान किया गया था। जिसके बाद रविवार को जालोर में हजारों किसानों की भीड़ जुटी।
विधायकों को बोलने का नहीं मिला मौका
कार्यक्रम में किसान नेताओं ने समस्याओं के बारे में बताया। उन्होंने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की मांग की। इसके साथ ही जालोर जिले के भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने के लिए जवाई बांध का पानी जवाई नदी में छोड़ने, माही परियोजना का पानी जालोर, सिरोही को देने, क्षेत्र में उत्पादन होने वाली फसलों के लिए लोकल स्तर पर प्रोसिंग यूनिट स्थापित करने, कृषि यंत्रों की नीति को किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए संशोधित करने, किसान सम्मान निधि को महंगाई के अनुसार बढ़ाने, कृषि यंत्रों को जीएसटी से मुक्त करने की मांग की गई।
किसानों की उन्नति के लिए काम करना जरूरी
किसान नेता बद्रीदान चारण ने कहा कि माही बांध के पानी पर जालोर और सिरोही का हक तय करने की मांग उठाई। महावीर सिंह ने कहा कि इस प्रोग्राम का उद्देश्य किसानों को एकजुट करना है।
किसानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ उन्हें जागरूक करना और किसानों की उन्नति के लिए काम करना बहुत जरूरी है। किसान जाति, धर्म में बंटकर अलग-अलग बंट जाते हैं, इसकी बजाय किसान एकजुट होकर एक शक्ति के रूप में उभरे जो देश के हित में है और समाज के हित में है। इसलिए प्रताप फाउंडेशन द्वारा इस प्रकार के कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं।