राजस्थान की भजनलाल सरकार के लिए राहत की बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल सरकार से अपनी नाराजगी की खबरों के बीच सोमवार को कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने पहली बार विभाग के कार्यालय में पहुंचकर अधिकारियों की मैराथन बैठक ली। इसके बाद कहा जा रहा है कि कृषि मंत्री के सरकार के कामकाज को लेकर करीब 9 महीनों से चल रहे गिले-शिकवे दूर हो गए हैं। 9 महीने पहले किरोड़ी लाल मीणा ने सरकार और कुछ बीजेपी नेताओं के कामकाज के तरीके से नाखुश होकर कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से वे विभाग की किसी बैठक में भाग नहीं ले रहे थे। यहां तक कि दूसरे सरकारी कार्यक्रमों से भी उन्होंने अपने आपको दूर रखा हुआ था। खुद की जासूसी और फोन टैपिंग को लेकर किरोड़ी लाल मीणा ने बयान दिए थे, जिसके बाद से सरकार की भी जमकर किरकिरी हो रही थी।
सरकारी स्कीमों की समीक्षा
इन सबके बीच आज लंबे समय के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने कृषि विभाग की बैठक ली, जिसमें उन्होंने अधिकारियों से सरकार की स्कीमों को लेकर फीडबैक लिए। फीडबैक के बाद मीणा ने कहा कि बैठक में कई शिकायतों पर चर्चा हुई। एक जिले में तो स्प्रिंकलर जैसे उपकरणों पर पैसा ज्यादा खर्च किया गया, लेकिन मुआयना करने पर स्थिति उलट नजर आई। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले राज में कृषि विभाग में करोड़ों का घोटाला हुआ, लेकिन अब वे पिछले 9 महीने की भरपाई करेंगे। किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सवाई माधोपुर के पूर्व विधायक दानिश अबरार की मां यास्मीन अबरार को पॉलीहाउस अलॉट कर दिया गया था। यह किस आधार पर तय किया गया, इसकी जांच होगी?
कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने ली कृषि विभाग की मीटिंग
योजनाओं को अंतिम पंक्ति में बैठे किसान तक पहुंचाने की कवायद होगी तेज।
विभाग के नकारा व कामचोर कार्मिकों पर कार्रवाई के संकेत।
खाद बीज एवं दवाओ के लाइसेंस और नवीनीकरण की प्रक्रिया में अपनाई जाएगी पारदर्शिता। @DrKirodilalBJP pic.twitter.com/YU3tRMAaYW— Shyam Raj Sharma (@shyamraj08) April 7, 2025
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इस्तीफे पर दी सफाई
अपने इस्तीफे के सवाल पर मीणा ने फिर से सफाई दी। उन्होंने कहा कि नैतिकता के नाते इस्तीफा दिया था, लेकिन वह स्वीकार नहीं हुआ। ऐसे में उन्हें लगा कि इस्तीफा स्वीकार नहीं होने से मेरे विभाग का कामकाज प्रभावित हो रहा था। ऐसे में उन्होंने अधिकारियों के साथ मीटिंग की है। अब विभाग के लिए काम करूंगा। दिल्ली दौरे और गोंविद डोटासरा के साढ़ू वाले बयान पर मीणा ने कहा कि अगर वही चिंता न करें तो साढ़ू किस बात का? उन्होंने यह भी कहा कि वे दिल्ली जनता के काम से गए थे। तीन मंत्रियों से मिले, उन्हें सार्वजनिक काम करने के लिए कहा था। राजनीतिक तौर पर दिल्ली में उनकी किसी भी नेता से बात नहीं हुई।
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