1993 Blast Case: 30 साल पहले देश के पांच जिलों और ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों को लेकर गुरुवार को अजमेर की टाडा कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान आरोपी आतंकी करीम टुंडा और उसके साथी इरफान अहमद और इमामुद्दीन को कोर्ट में पेश किया गया।
मामले में आखिरी गवाह डिप्टी एसपी के बयान दर्ज हुए। इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 2 मार्च तय कर दी गई। जिसमें आरोपियों के बयान दर्ज किए जाएंगे।
बाबरी विध्वंस की बरसी पर हुए थे बम धमाके
बता दें कि यह बम धमाके अयोध्या में बाबरी विध्वंस की बरसी पर 6 दिसंबर 1993 को लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, सूरत और मुंबई की ट्रेनों में किए गए थे। पेशी के लिए करीम टुंडा एक शख्स के सहारे से कोर्ट तक पहुंचा था, वहीं उसका साथ व्हील चेयर पर नजर आया।
बम धमाकों के लिए दर्ज हुई थीं 5 एफआईआर
सीरियल ब्लास्ट केस के मुख्य आरोपी अब्दुल करीम टुंडा और अन्य आरोपियों के खिलाफ देश के अलग-अलग थानों में 5 एफआईआर दर्ज हुई थी। जिसकी आज सुनवाई स्पेशल ठाडा न्यायालय के द्वारा की गई और मामले में अभियोजन पक्ष के आखिरी गवाह तत्कालीन सीबीआई डीएसपी बीडी मीणा के भी बयान दर्ज किए गए। वहीं पूरे मामले में अभी तक 60 गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। इसके बाद सभी मुलजिमों की ओर से गवाह पेश किए जाएंगे और न्यायालय द्वारा पूरे मामले का फैसला दिया जाएगा।
देशभर में केवल तीन टाडा स्पेशल कोर्ट
बता दें कि देश में टाडा कानून के तहत पकड़े जाने वाले आरोपियों की सुनवाई के लिए देशभर में तीन स्पेशल कोर्ट हैं। मुंबई, अजमेर और श्रीनगर में ये कोर्ट हैं। उत्तर भारत से जुड़े ज्यादातर मामले अजमेर की टाडा कोर्ट में सुने जाते हैं।
टुंडा ने कर रखी हैं तीन शादियां, 2013 में पकड़ा गया
आतंकी टुंडा का जन्म उत्तर प्रदेश के पिलखुआ गांव में हुआ था। आरोपी ने तीन शादी की है। उसक सात बच्चे हैं। आरोपी का सबसे बड़ा बेटा करीब 58 साल और सबसे छोटा बेटा 12 साल का है।
उसने पाकिस्तान में बम बनाने की ट्रेनिंग ली थी। उस पर देश में 30 से ज्यादा केस दर्ज हैं। इनमें हैदराबाद, अमजेर और गाजियाबाद में ज्यादा केस हैं। टुंडा को अगस्त 2013 में नेपाल बॉर्डर से पकड़ा गया था।
अजमेर से संदीप की रिपोर्ट।
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